राज्य और ऊर्जा निगम कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार शनिवार से

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हड़ताल

 राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के बैनर तले 23 सूत्रीय मांगों को लेकर 25 से 30 नवम्बर तक राज्य कर्मचारी सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक कार्यबहिष्कार करेंगे। वहीं, शुक्रवार को परिषद के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर प्रह्लाद सिंह और महामंत्री प्रदीप कोहली ने सचिवालय में प्रमुख सचिव वित्त राधा रतूड़ी से वार्ता की। इसमें 27 नवम्बर को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से वार्ता होना तय हुआ।
प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर प्रह्लाद सिंह और महामंत्री प्रदीप कोहली ने बताया कि प्रमुख सचिव वित्त से सभी मुद्दों पर सकारात्मक वार्ता हुई। उम्मीद है कि मुख्य सचिव के साथ प्रस्तावित वार्ता में मांगों पर सहमति बन जाएगी। उन्होंने कहा कि एसीपी की नई व्यवस्था से कर्मचारियों का हित प्रभावित हो रहा है। नई व्यवस्था में प्रोन्नत वेतनमान 10, 20 और 30 वर्ष की सेवा पर मिलेगा। पूर्व की व्यवस्था में 10, 16 और 26 वर्ष की सेवा पर मिलता था। उन्होंने कहा कि वेतन समिति के समक्ष करीब 300 संवर्गों की वेतन विसंगतियों को प्रमाण के साथ रखा गया था लेकिन मात्र 28 संवर्गों के वेतन विसंगति का ही निराकरण किया गया। अन्य मांगों पर भी शासन स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसके चलते आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ा।
परिषद की अन्य मांगें कर्मचारियों, शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी, पेंशनर के लिए यू-हेल्थ स्मार्ट कार्ड सेवा शुरू करना, कर्मचारी कल्याण निगम की स्थापना, व्यापार कर व जीएसटी में छूट, 300 के स्थान पर 500 दिन का उपार्जित अवकाश संविदा एवं दैनिक वेतन आदि पर कार्यरत कर्मचारियों का नियमितीकरण, पदोन्नति के लिए अनिवार्य सेवा में शिथिलीकरण आदि हैं। राजधानी में कर्मचारी विकास भवन में एकत्र होंगे और प्रदर्शन करेंगे। 

ऊर्जा के तीनों निगमों के कार्मिक 25 से आंदोलन पर

ऊर्जा के तीनों निगमों के कार्मिकों का आंदोलन शनिवार से शुरू होगा। पदोन्नत वेतनमान और पे-मैट्रिक्स के मसले पर कोई कार्यवाही नहीं होने से गुस्साए चार प्रमुख संगठन संयुक्त रूप से तीनों निगमों के मुख्यालयों में गेट मीटिंग करेंगे। सरकार और शासन पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए उत्तरांचल पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन, पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन, ऊर्जा कामगार संगठन, ऊर्जा ऑफीसर्स, सुपरवाइजर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन से जुड़े कार्मिकों ने पांच जनवरी से हड़ताल की चेतावनी दी।

संयुक्त मोर्चे के गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी दीपक बेनीवाल ने बताया कि शासन के रुखे रवैये से कार्मिकों में भारी रोष है। अक्टूबर में पे-मैट्रिक्स और पदोन्नत वेतनमान की व्यवस्था का संशोधित आदेश जारी करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया था। दीपावली के वक्त वित्त मंत्री प्रकाश पंत और शासन में वार्ता हुई थी। भरोसा दिया था कि एक महीने के भीतर समस्या का समाधान हो जाएगा। दरअसल, सातवें वेतनमान को लागू करने का शासनादेश जारी हुआ तो इसमें पदोन्नत वेतनमान की व्यवस्था को बदल दिया। साथ ही पे-मैट्रिक्स का निर्धारण भी गलत हुआ है। ऊर्जा निगमों में पदोन्नत वेतनमान क्रमश: 9, 14, 19 वर्ष की सेवा पर मिलता था लेकिन सातवें वेतनमान के आदेश के बाद इसे 10, 20, 30 वर्ष कर दिया। यह अव्यवहारिक है। उन्होंने बताया कि दोनों मुद्दों पर तीनों निगम प्रबंधन शासन को प्रस्ताव को भेज चुके हैं लेकिन संशोधित शासनादेश जारी नहीं हुआ।
आंदोलन का कार्यक्रम
-27 नवंबर से शाम पांच बजे के बाद कार्मिक अपना सरकारी मोबाइल स्विच ऑफ कर देंगे।
-चार से 30 दिसंबर तक हरिद्वार, डाकपत्थर, रुड़की, हल्द्वानी, रुद्रपुर, श्रीनगर, उत्तरकाशी, देहरादून आदि क्षेत्र में केंद्रीय पदाधिकारी कार्मिकों के साथ बैठक करेंगे और मुख्य अभियंताओं को ज्ञापन सौपेंगे।
-चार जनवरी को गांधी पार्क से सचिवालय कूच किया जाएगा।
-पांच जनवरी को अद्र्धरात्रि से हड़ताल शुरू कर दी जाएगी।