देहरादून। अब प्रीपेड मीटर के जरिये लॉइन लॉस कम करने का काम किया जाएगा। मणिपुर मॉडल को अपनाते हुए ऊर्जा निगम जल्द ही डिमांड केंद्र सरकार को भेजेगा। केंद्र सरकार का उपक्रम एनर्जी एफिसियंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) एक करोड़ मीटर खरीदेगा।
उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) के निदेशक (परियोजना) एमके जैन ने बताया कि पहले लाइन लॉस कम करने के लिए पहले स्मार्ट मीटर लगाने की बात थी। केंद्र सरकार को पहले चरण के लिए दो लाख मीटर की डिमांड भेज दी गई थी। ये मीटर हरिद्वार, रुद्रपुर, किच्छा, गदरपुर क्षेत्र में लगने थे, क्योंकि लाइन लॉस सबसे ज्यादा यहीं होता है। केंद्र सरकार को बल्क में मीटर खरीदने थे। लेकिन स्मार्ट मीटर काफी महंगा पड़ रहा था। इसी बीच, मणिपुर में एक प्रयोग किया गया। यहां प्रीपेड मीटर लगाए गए और एक साल के भीतर लाइन लॉस 58 फीसद से घटकर 26 आ गया। उन्होंने बताया कि केंद्र स्तर से बल्क में प्रीपेड मीटर खरीदे जाएंगे तो एक मीटर के दाम करीब-करीब साधारण इलेक्ट्रॉनिक मीटर के जितने ही पड़ेंगे। उन्होंने बताया कि दो दिन पहले दिल्ली में हुई पावर मिनिस्टर्स कांफ्रेंस में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने इस बाबत दिशा-निर्देश दिए हैं। अब यूपीसीएल स्तर पर बैठक होगी और इसमें प्रीपेड मीटर को बढ़ावा देने के लिए कार्ययोजना तैयार होगी और डिमांड भी तैयार की जाएगी। पहले चरण में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रीपेड मीटर लगाने का प्रयास रहेगा। बताया कि प्रीपेड मीटर से ऊर्जा संरक्षण भी होगा। क्योंकि, इसमें कूपन से रिचार्ज होगा और लोग उसके अनुसार ही संभलकर बिजली का उपभोग करेंगे।
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) ने प्रीपेड मीटर का उपभोग करने पर बिजली की दरों में घरेलू उपभोक्ताओं को चार और अन्य को तीन फीसद की छूट मिलने का प्रावधान किया है। यूपीसीएल निदेशक एमके जैन ने बताया कि निर्धारित से ज्यादा लोड बढऩे पर प्रीपेड मीटर ट्रिप हो जाता है। अभी तक अस्थायी कनेक्शन पर प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि लोग प्रीपेड मीटर को अपनाएं, इसके लिए इसकी सुविधाओं को बढ़ाने पर भी विचार किया जाएगा।