बोर्ड परीक्षा को लेकर तनाव से दूर रहें परीक्षार्थी

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ऋषिकेश। बोर्ड परीक्षा का समय नजदीक आते ही परिक्षार्थियों में तनाव बढ़ने लगता है। ऐसे में परिजन बच्चों को अध्यनरत महौल का एक वातावरण बनाए। जिससे छात्र—छात्राएं वैगर तनाव के अपने परीक्षा का तैयारी कर सके।

हरीचन्द गुप्ता आर्दश बालिका इण्टर कालेज की प्रधानाध्यापिका पूनम रानी शर्मा का कहना है कि परीक्षा बोर्ड की हो अथवा कोई भी तनाव लेने की कतई जरूरत नही है। जरूरी नही कि सभी प्रश्न आते हो, बस जितने आते है उनको सही से कापी मे लिखे। दूसरा समय का ध्यान रखे। इसके लिए परिजनों को अपने बच्चों को समझाना बहुत जरूरी है। पहला पेपर अगर खराब हुआ हो, तो भी अभिभावक गुस्सा न करे। अगर 12 वीं में है तो पहला पेपर खराब हो जाए तो आलोचनात्मक रवैया अपनाने की बजाय दूसरे पेपर के नोट्स को अच्छी तरह पढ़ने पर जोर दे। अगर बच्चा गुमसुम है तो चिकित्सक की राय जरूर ले। बच्चों के साथ शांतिपूर्वक पेश आएं, इससे बच्चो के व्यवहार मे बदलाव आएगा।
नगर के प्रमुख नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. राजे नेगी ने बोर्ड परीक्षार्थियों के अभिभावकों से परीक्षा के दौरान बच्चों के प्रति हमेशा की तरह सामान्य व्यवहार रखे जाने का सुझाव दिया है। उनका कहना है पढ़ाई के समय बच्चो के खानपान का पूरा ध्यान रखें। दूध, छाछ, जूस, नारियल पानी जैसे लिक्विड चीजों को पीकर परीक्षा देने जाएं। नाश्ते में दलिया, कार्न जैसी चीजों का इस्तेमाल करे। बच्चे को टेंशन के बजाए पूरी नींद लेने दे। इस बात का खास ख्याल रखें कि परीक्षा से एक दिन पहले बच्चा समय से सोएं। पूरी रात जागकर पढ़ाई न करे। इससे परीक्षा मे नीद व सुस्ती आएगी, जिससे परीक्षा ठीक नही होगी।
आईसीए कम्पयूटर संस्थान के निदेशक मुकेश अग्रवाल का कहना है कि अभिभावकों को बच्चों का खास ख्याल इन परीक्षा में रखने की बहुत जरूरत होती है। परीक्षा के दिनों में बच्चों के साथ कुछ देर जरूर बिताएं। अपनी इच्छा कतई न थोपे। बच्चे परीक्षा में नया रिवाइज करने की बजाय जो पुराना पढ़ा हुआ है, उसको ही रिवाइज करे। घर का माहौल सही रखे। पढ़ते समय कुछ देर का रेस्ट भी बच्चों को जरूर कराए ऐसा करने से पुन:एनर्जी मिलती है।