फरीदाबाद, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को 34वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का शुभारंभ किया। समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल सत्यनारायण आर्य ने की। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, हरियाणा के पर्यटन मंत्री कंवर पाल सहित उज़्बेकिस्तान दूतावास के राजदूत फरहाद आरजिएव प्रमुख रूप से इस मौके पर मौजूद रहे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मेले के उद्घाटन के बाद पत्नी सविता कोविंद के साथ हिमाचल पवेलियन का अवलोकन किया। साथ ही उन्होंने उज्बेकिस्तान पवेलियन में उत्पादों की जानकारी ली। मेले में पार्टनर-कंट्री उज्बेकिस्तान तथा थीम-स्टेट के रूप में हिमाचल प्रदेश की हिस्सेदारी है। अहम पहलू यह है कि इस बार सूरजकुंड मेला प्राधिकरण और ब्रिटिश काउंसिल के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं। लिहाजा मेला पहली बार इंग्लैंड के कलाकारों और शिल्पकारों की मेजबानी करेगा।
शिल्प मेले में 30 से ज्यादा देशों के शिल्पकार अपने हुनर को प्रदर्शित कर रहे हैं। इनमें उज्बेकिस्तान, नेपाल, अफगानिस्तान, न्यूजीलैंड, उजबेकिस्तान, किर्गिस्तान, ट्यूनीशिया, जिम्बाब्वे, बुरूंडी, सेनेगल, जाम्बिया, कोमोरोस, तुर्की, मिस्र, सीरिया, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड, श्रीलंका, अर्जेंटीना, नाइजर, ताजिकिस्तान ,बांग्लादेश, लेबनान, घाना, सेशेल्स, इथियोपिया, मोरक्को, फिलिस्तीन, भूटान, युगांडा, आर्मेनिया, मालदीव, सूडान, केन्या और लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो शामिल है।
उल्लेखनीय है कि सूरजकुंड मेला एक फरवरी से शुरू होकर 16 फरवरी तक सूरजकुंड में चलेगा। इस मेले में शिल्प व हस्तशिल्प के जरिए अनूठी संस्कृति और समृद्ध विरासत की झलक दिखाई देगी।