चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगांई ने चारधाम यात्रा के संचालन पर चारों धामों के धर्माचार्यों से बातचीत की है। इस पर ममगांई से भू-वैकुंठधाम श्री बदरीनाथ के धर्माधिकारी आचार्य भुवन चंद्र उनियाल ने कहा है कि अगर यात्रा राज्य के लोगों के लिए खोली जाए तो प्रथम चरण में ऐसे पहाड़ी जिले के लोगों को अनुमति दी जाए जहां कोरोना के केस नहीं हैं।
उन्होंने कहा है कि पांडुकेश्वर या हनुमान चट्टी से पहले बैरियर लगाकर हर श्रद्धालु के स्वास्थ्य की जांच हो। अगर किसी को मामूली बुखार या खांसी हो तो उसे लौटा दिया जाए। बैरियर पर सीनियर चिकित्सा अधिकारियों और मजिस्ट्रेट को तैनात किया जाए। उनियाल ने आशंका जताई है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो बदरीनाथ धाम में कोरोना फैलने का खतरा बरकरार रहेगा। अगर पुजारी वर्ग संक्रमित हुआ तो पूजा पंरपरा मे बाधा उत्पन्न हो सकती है।
उन्होंने कहा है कि कपाट खुलने के बाद अभी तक चारों धाम कोरोना मुक्त हैं। अगर यात्रा शुरू करने में लापरवाही बरती गई तो पूजा पंरपरा का निर्वहन करना मुश्किल हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड सरकार इस पर 30 जून को फैसला करने वाली है।