प्रधानमंत्री का बड़ा ऐलान, तीनों सेनाओं का सेनापति होगा ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ’

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नई दिल्ली, देश के 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौक पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लालकिले से अपने संबोधन में आतंकवाद के मुद्दे पर देश की प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए सेना के ढांचे को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि, “अब से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का एक नया पद होगा, जिसके तहत पूरी सैन्य शक्ति एक साथ मिलकर काम करेगी।”

देश से आतंकवाद की जड़ें उखाड़ने को लेकर प्रधानमंत्री ने बड़ा फैसला लेते हुए सीडीसी का पद घोषित किया है। उनका कहना है कि तीनों सेनाओं को मिलकर एकजुट तरीके से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी। ऐसे में तीनों सेनाओं में तालमेल को बढ़ाने के लिए अब उनका एक सेनापति बनाया जाएगा, जिसे ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ’ (सीडीएस) कहा जाएगा। सेना के इतिहास में पहली बार ऐसा कई पद बनाया गया है।

पीएम मोदी ने कहा कि, “आज दुनिया के किसी ना किसी हिस्से में आतंकी घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में भारत मूकदर्शक बना नहीं रह सकता। आतंकवाद के खिलाफ भारत अपनी लड़ाई जारी रखेगा और आतंकवाद को पनाह देने वालों को बेनकाब भी करेगा।”

देश आज 73वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराकर देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस और रक्षा बंधन की बधाई दी।

लाल किले से अपने संबोधन की शुरुआत प्रधानमंत्री ने बारिश और बाढ़ पीड़ितों के लिए चिंता जताने से की। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकारें एक साथ मिलकर इसका सामना कर रही हैं। वहीं प्रधानमंत्री ने आजादी की लड़ाई में अपनी जान गंवाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को भी सलाम किया। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व लुटाने वाले सेना के जवान और नागरिकों के प्रति हम हमेशा ऋणी रहेंगे।

केन्द्र सरकार के महत्वपूर्ण फैसलों पर पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता ने उन पर भरोसा जताकर अहम जिम्मेदारी दी है। इसीलिए सत्ता में आने के बाद केन्द्र सरकार लगातार देशहित में फैसले ले रही है। जनता के भरोसे और उम्मीदों का ही परिणाम है कि सरकार ने कश्मीर में शांति बहाली और विकास के लिए अनुच्छेद 370 में बदलाव किया। इसका नतीजा यह है कि आज देश का हर नागरिक एक देश, एक संविधान के मॉडल पर गर्व कर सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र को ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के सूत्र में पिरोने के सरदार पटेल के सपने को पूरा करने की दिशा में भी देश अब आगे बढ़ रहा है। ‘एक देश, एक संविधान’ का प्रारूप इसी दिशा में बढ़ाए गए कदम की एक कड़ी है। इसके अलावा जीएसटी के जरिए एक देश, एक टैक्स का सपना पूरा किया गया। ऊर्जा के क्षेत्र में एक देश, एक ग्रिड को आगे बढ़ाया गया। ऐसे में अगला कदम देश में एक साथ चुनाव कराने का  होगा, जिसे लेकर लोगों में भी चर्चा होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि, “2014 से 2019 तक देश की जनता ने उन्हें देशसेवा का मौका दिया। इस दौरान उन्होंने आम आदमी के जीवन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने तथा सबका साथ सबका विकास के मंत्र को लेकर कई कड़े फैसले लिए। आज उसका सुखद परिणाम सामने आ रहा है। मुस्लिम महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए तीन तलाक पर कानून लाकर इस कुरीति का खात्मा किया गया। किसानों के हित में भी केंद्र सरकार ने किसान सम्मान योजना जैसा अहम कदम उठाया है।”

वहीं, पीएम मोदी ने जल संकट को लेकर सरकार द्वारा बनाए गए नये मंत्रालय के लक्ष्य और उद्देश्य को जनता के समक्ष रखा, इस दौरान बढ़ती जनसंख्या को लेकर भी प्रधानमंत्री ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि, “हमें इस विषय को लेकर आने वाली पीढ़ी के भविष्य पर सोचना होगा। सीमित परिवार से ना सिर्फ खुद का बल्कि देश का भी भला होगा। सीमित संख्या पर ही सभी को मूलभूत और प्रकृति प्रदत्त सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।”

इससे पहले लाल किला पहुंचने से पहले पीएम मोदी राजघाट पहुंचे और वहां बापू की समाधि पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। राजघाट से प्रधानमंत्री सीधे लाल किला पहुंचे, जहां उन्हें सेना के तीनों अंगों  की गारद ने सलामी दी। इसके बाद प्रधानमंत्री ने ध्वजारोहण किया।