महंत मोहनदास को खोजने में प्रदेश सरकार की रुचि नहीं: प्रीतम सिंह

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हरिद्वार। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने शनिवार को कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन पहुंचकर अखाड़े के कोठारी महंत मोहनदास की गुमशुदगी की बाबत जानकारी ली। उन्होंने अभी तक महंत का पता नहीं लगा पाने पर प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन को आड़े हाथों लिया है।

विदित हो कि बड़ा अखाड़े के कोठारी महंत मोहनदास महाराज 15 सितम्बर को रात्रि लोकमान्य तिलक रेल से मुम्बई के लिए निकले थे। रास्ते में ही वह अचानक संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गए। पुलिस की लाख कोशिशों के बाद भी उनका आज तक कुछ पता नहीं चल पाया। अब जांच एसआईटी को सौंप दी गई है। महंत का पता न लगा पाने से आक्रोशित संतों ने शुक्रवार को शिवमूर्ति से सुभाष घाट हरकी पैड़ी तक सांकेतिक मार्च भी निकाला और सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम महंत को ढूढ़ने के लिए दिया। इसी कड़ी में शनिवार की दोपहर उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह अखाड़े पहुंचे। उन्होंने कहा कि आठ दिन बीत जाने के बाद भी महंत मोहनदास का पता न चलना प्रदेश सरकार की नाकामी को दर्शाता है। कहा कि दो दिन पूर्व देहरादून में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का आगमन हुआ। पूरी सरकार उनकी आवभगत में लगी रही। किन्तु महंत मोहन दास की तलाश में सरकार ने कोई रूचि नहीं दिखाई। श्री सिंह ने कहा कि यदि सरकार महंत मोहनदास को ढूढ़ने में तत्परता दिखाती तो उनका पता चल सकता था। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। आम आदमी आज सुरक्षित नहीं है। उन्होंने महंत मोहनदास की खोज के लिए केन्द्रीय जांच एजेंसी से जांच की मांग की।
प्रदेश अध्यक्ष ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था को भी कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि जिस कोच में महंत मोहनदास सफर कर रहे थे, वह एसी कोच था। जिसमें सुरक्षा गार्ड होता है। सुरक्षा गार्ड के होते हुए एक महंत का लापता हो जाना आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि यह तो एक संत की बात है। आम आदमी की सुरक्षा का इसी से पता चल जाता है। यदि एसी कोच का ऐसा हाल है तो साधारण कोच की स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने महंत मोहनदास के गायब होने के लिए रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था को भी जिम्मेदार ठहराया। इस दौरान उन्होंने संतों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाते हुए प्रदेश सरकार से तन्मयता से लापता महंत मोहनदास की खेज की मांग की।