शिक्षा माफिया बन रहे निजि शिक्षण संस्थान

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(विकासनगर) निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा एनसीइआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने में की जा रही आनाकानी को लेकर मानवाधिकार एवं आरटीआई एसोसिएशन ने स्वर मुखर किए हैं। बुधवार को शिक्षा मंत्री को प्रेषित ज्ञापन में निजि शिक्षण संचालकों के व्यवहार को शिक्षा माफिया जैसा करार देते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए बताया कि निजी शिक्षण संस्थान प्रदेश सरकार के नियमों की अवहेलना कर अभिभावकों का शोषण कर रहे हैं।
ज्ञापन के माध्यम से बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा अन्य पाठ्यक्रम की पुस्तकें लागू नहीं करने के आदेश के बावजूद कई शिक्षण संस्थान संचालक इन दिनों विद्यालय में स्टॉल लगा कर किताबें बेच रहे हैं। कहा कि निजी शिक्षण संस्थानों की हठधर्मिता से जाहिर है कि इन संस्थानों के मालिक छात्रों के भविष्य के बजाय निजी हित को वरीयता दे रहे हैं।जिससे अभिभावकों व छात्रों का शोषण हो रहा है। उन्होंने बताया कि निजी शिक्षण संस्थान शिक्षण के बजाय शिक्षा का बाजारीकरण करने पर उतारू हैं। इन संस्थानों में शिक्षण के बजाय छात्रों व अभिभावकों का शोषण किया जा रहा है। संस्थान में ही दुकान खोलकर ड्रेस व किताबों के साथ ही टिफन बाक्स व छात्रों से संबंधित अन्य सामग्रियां बेची जा रही हैं। जबकि कुछ संस्थान संचालक निश्चित दुकान से पाठ्य पुस्तक व अन्य सामग्री खरीदने के लिए अभिभावकों को बाध्य कर रहे हैं। जिससे संस्थान संचालक अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं। सरकार द्वारा एनसीइआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने के आदेश से निजी शिक्षण संस्थानों को आर्थिक नुकसान होता दिख रहा है। एसोसिएशन ने शिक्षा मंत्री से सरकार के नियमों की अवहेलना करने वाले सभी निजि शिक्षण संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। ज्ञापन पर एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद शर्मा, भाष्कर चुग आदि के हस्ताक्षर हैं।