अटल आयुषमान योजना को लेकर निजी अस्पताल नहीं दिखा रहे रुचि

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देहरादून। अटल आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के तहत शहर के निजी अस्पताल गरीबों का मुफ्त उपचार मुहैया कराने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। जिले में करीब दो सौ से अधिक छोटे-बड़े अस्पताल हैं। पर अभी तक केवल 18 निजी अस्पताल ही योजना से जुड़े हैं। इनमें भी एकाध को छोड़ दें, तो शहर के प्रमुख अस्पताल योजना में शामिल नहीं हैं।
प्रथम चरण में जनपद देहरादून में योजना के लाभार्थी परिवारों की संख्या 71306 है। जबकि प्रदेश में यह संख्या 5 लाख 37 हजार 652 है। अगले चरण में इसमें राज्य कर्मचारियों, अधिकारियों, पेंशनर व उनके आश्रितों को भी स्वास्थ्य सुरक्षा मिलेगी। योजना के तहत लगभग 22 लाख परिवारों को इससे आच्छादित किया जाना है। योजना के तहत इन परिवार को 1350 प्रकार के बीमारियों का मुफ्त उपचार मिलेगा। इलाज की दर निर्धारित है और इसके लिए पैकेज तैयार किए गए हैं। योजना में शामिल सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में लाभार्थियों को कैशलेस उपचार मिलेगा। इसके लिए निजी अस्पतालों से अनुबंध होना है पर अब भी बहुत ज्यादा अस्पताल इस योजना से नहीं जुड़ पाए हैंं। एकाध बड़े अस्पतालों को छोड़, बाकि प्रमुख अस्पताल योजना से दूरी बनाए हुए हैं। योजना की राज्य नोडल अधिकारी डॉ. सरोज नैथानी का कहना है कि शहर के अधिकतर बड़े अस्पतालों ने अभी तक के सभी प्रशिक्षण सत्र में हिस्सा लिया है। यह अलग बात है कि वह अभी योजना में शामिल नहीं हुए हैं। पर ऐसा नहीं है कि उनकी इसे लेकर रुचि नहीं है। यह मसला प्रक्रियागत है और जल्द कई प्रमुख अस्पताल पैनल में जुड़ जाएंगे।
योजना के क्रियान्वयन में दिक्कत
निजी अस्पतालों की बात छोडि़ए, सरकारी अस्पताल भी योजना के क्रियान्वयन को लेकर ऊहापोह की स्थिति में हैं। कोई स्पष्ट निर्देश न होने के कारण इसमें अड़चन आ रही है। अब दून मेडिकल कॉलेज के टीचिंग अस्पताल का ही उदाहरण लीजिए। अधिकारी दिनभर इसे लेकर मंथन करते रहे। जिस पर डॉ. नैथानी का कहना है कि योजना से संबंधित प्रशिक्षण पूर्व में दिया गया है। अगर किसी भी तरह की दिक्कत है तो कार्यशाला आयोजित कर इसे भी दूर किया जाएगा।
आरोग्य मित्र तैनात नहीं
योजना के तहत चयनित अस्पतालों में मरीजों को बेहतर सुविधा देने के लिए आरोग्य मित्र तैनात करने के निर्देश हैं, लेकिन ये निर्देश भी केवल कागजों पर दिख रहे हैं। अब तक इस ओर कदम नहीं उठाए गए हैं। कई अस्पतालों में तो कम्प्यूटर ऑपरेटर को ही आरोग्य मित्र बनाने की तैयारी है।