उरेडा घोटाला: कैसे अधिकारियों ने सूरज की तपिश से बनाये पैसे?

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उत्तराखंड रिन्यूऐबल डेवेलेपमेंट एजेंसी (यूरेडा) के 100 करोड के प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने पर आर्थिक गड़बड़ियां सामने आई हैं। ये प्रोजेक्ट रिहाईशी इलाकों में घरों की छतों पर सोलर प्लांट लगाने का था। जांच में सामने आया है कि केंद्र सरकार द्वारा शुरू किये गये इस प्रोजेक्ट में अधिकारियों ने अपने ही नाते रिश्तेदारों में प्रोजेक्ट की बंदरबांट कर दी।

जांच में पाई गड़बड़ियों का आलम ये है कि एक तरफ जहां ये स्कीम खासतौर पर रिहाईशी इलाकों की इमारतों की छतों पर सोलर प्लांट लगाने का था वहीं कई मामलों में खेती की ज़मीनों पर प्लांट के लिये मंजूरी दे दी गई। हाल ही में राज्य सरकार के ऊर्जा विभाग को ये जांच रिपोर्ट सौंप दी गई है। इसके बाद ऊर्जा सचिव राधिका झा ने उरेडा को जांच में दोषी पाये अधिकारियों पर सख्त एक्शन लेने के लिये कहा है।

ऊर्जा विभाग के शीर्श अधिकारियों के मुताबिक रिपोर्ट में इन अनियमिताओं के लिये अधिकारियों के शामिल होने के सीधे और पुख्ता सबूत हैं। और अब सरकार ने उरेडा में मचे इस बवाल को सख्ती से साधने का मन बना लिया है। गौरतलब है कि कुछ महीने पहले केंद्र सरकार के अधिकारियों ने इस सब्सिडी स्कीम में 11 ऐसी फर्मों के चयन पर सवाल खड़े किये थे जो तय मानकों पर खरी नहीं उतरती हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री ने जांच और दोषी पाये जाने पर अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन की बात कही थी। अब देखना होगा कि इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद भ्रष्टाचार पर जीरो टोलेरेन्स की बात करने वाली त्रिवेंद्र सिंह सरकार दोषी अधिकारियों पर क्या एक्शन लेती है।