भगवान भरत निकले डोली में सवार,श्रद्धालुओं ने किया भगवान के दर्शन

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ऋषिकेश, भगवान भरत ऋषिकेश नारायण के नाम से जाना जाता है और उनकी नगरी का सबसे बड़ा उत्सव वसंतोत्सव बड़ी ही श्रद्धा के साथ नगरवासी मेले के रूप में मनाते आ रहे हैं। माना जाता है कि मूर्तिभंजको मंदिर के नुकसान को पहुंचाने के बाद भगवान भरत की मूर्ति को मायाकुंड स्थित गंगा जी में छुपा दिया गया था जिसे आठवीं शताब्दी में आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा बसंत पंचमी के ही दिन दोबारा स्थापित किया गया था, तब से लेकर आज तक तीर्थ नगरी ऋषिकेश में बसंत पंचमी के दिन उत्सव मनाने की परंपरा चली आ रही है।

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आमतौर पर 5 दिनों तक चलने वाला यह उत्सव कुछ कारणों से केवल तीन दिवस के लिए मनाया जा रहा है। आज के कार्यक्रमों में सर्व प्रथम ऋषिकेश के झंडा चौक पर ध्वजारोहण के साथ महोत्सव की शुरुआत हो गई आज ही ऋषिकेश नारायण भगवान की डोली शोभायात्रा के रूप में शहर के मुख्य मार्गो से होती हुई माया कुंड तक ले जाई जाएगी। साथ ही बसंत उत्सव में होने वाली प्रतियोगिताओं का आगाज भी हो जाएगा जिस में मुख्य रुप से साइकिल रेस, दौड़ प्रतियोगिता, वरिष्ठ नागरिक दौड़ प्रतियोगिता, कुश्ती, चित्रकला, रंगोली, मेहंदी, दही-हांडी आदि प्रतियोगिताएं रहती हैं।

ऋषिकेश नगर के मुख्य उत्सव वतन बसंतोत्सव मेले में सभी उम्र और वर्ग का ध्यान रखते हुए कार्यक्रम निश्चित किए जाते हैं जिसमें स्कूली बच्चों से लेकर सभी उम्र के लोगों के लिए रंगा रंग और सांस्कृतिक प्रोग्राम किए जाते हैं।