सांसद के दखल के बाद एम्स में खत्म हुआ अनशन

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ऋषिकेश, पिछले काफी दिनों से एम्स प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे एम्स से निष्कासित कर्मचारियों ने आज अपना धरना खत्म किया। एम्स प्रशासन की तरफ से आज धरने पर बैठे निष्कासित कर्मचारी को जूस पिलाकर इस धरना प्रदर्शन को खत्म किया गया इस मौके पर एम्स प्रशासन ने कहा कि जिन कर्मचारियों को हटाया गया है उनकी वापसी के लिए 30 दिनों के भीतर एक कमेटी बनाई जाएगी जिसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।

एम्स प्रशासन निष्कासित कर्मचारियों में खुशी की लहर है, गौरतलब है कि राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री कसे मुलाकात कर हटाए गए इन कर्मचारियों की बात करें जिसके बाद एम्स प्रशासन हरकत में आया और जूस पिलाकर अनशन को खत्म किया गया।

एम्स ऋषिकेश मे निष्कासित कर्मचारियों का धरना राज्य सभा सासंद अनिल बलूनी के आश्वासन के बाद अनशन समाप्त हो गया । गौरतलब है कि 24 अगस्त से चले आ रहे धरना प्रर्दशन जो 2 सितम्बर को क्रमिक अनशन में बदल गया एवं एम्स प्रशासन द्वारा जब कोई संज्ञान में नही लिया गया तो कर्मचारियों द्वारा आमरण अनशन पर बैठ गये ।

जिसमें निष्कासित पीड़ित कर्मचारी दीपक रयाल आमरण अनशन पर आठ दिन तक डटे रहे ।जिसके बाद प्रशासन के दबाव में पुलिस बल द्वारा उनको जबरन स्वास्थ्य की गिरावट पर राजकीय चिकित्सालय, ऋषिकेश मे भर्ती कराया गया ।परंतु चलते अनशनकारी दीपक रयाल ने अपना अनशन अस्पताल में भी जारी रखा है । उसके साथ ही दूसरा पीड़ित कर्मचारी आशीष बलूनी धरना स्थल में चार दिन तक आमरण अनशन पर डटे रहे ।

आज राज्यसभा सांसद के प्रतिनिधि के तौर पर विपिन कैंथोला धरना स्थल पर पहुंचे, जहां उन्होंने अनशन कर रहे कर्मियों को जूस पिलाकर उनका अनशन समाप्त कराया । जिसमें राज्यसभा सांसद के प्रतिनिधि राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य विपिन कैंथोला ने एम्स प्रशासन एव निष्कासित कर्मियों के बीच वार्ता कर मामले को सुलझाया । जिसमें कहा गया कि समीक्षा कमेटी के निष्कर्ष द्वारा कर्मचारियों को काम पर वापस लिया जायेगा ।

वहीं कर्मचारियों ने राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी का आभार जताया ।