फाइटर जेट राफेल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन के मालिक और फ्रांसीसी राजनेता ओलिवियर डसॉल्ट की 69 वर्ष की उम्र में रविवार को नॉर्मंडी में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना के दौरान मौत हो गई। वह सर्ज डसॉल्ट के बेटे और कंपनी के संस्थापक मार्सेल डसॉल्ट के पोते थे। वह फ्रेंच नेशनल असेंबली के सदस्य भी थे।
डसॉल्ट ने 1956 में एयर स्कूल से इंजीनियरिंग अभियंता/पायलट के रूप में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और फ्रांसीसी वायु सेना में नौकरी की। 16 जून, 2002 को उन्हें यूनियन फॉर पॉपुलर मूवमेंट (यूएमपी) के टिकट पर पहले डिप्टी के रूप में चुना गया था। इसके बाद 2007 में उन्हें फिर से चुना गया। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग कंपनी डसॉल्ट समूह के संस्थापक परिवार से जुड़े होने के कारण उन्होंने डसॉल्ट कंपनी में कई भूमिकाओं में काम किया। वह डसॉल्ट कम्युनिकेशंस के अध्यक्ष, फ्रांसीसी प्रकाशक वेलमोंडे के निदेशक मंडल के अध्यक्ष, फ्रांसीसी वित्तीय समाचार पत्र जर्नल डेस फाइनेंस के बोर्ड के सदस्य और डसॉल्ट सहायक सोसपे के प्रशासक थे।
जुलाई 2019 तक उनके पास 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर की संपत्ति होने से उनकी फ्रांस के अरबपतियों में होती थी। उन्होंने 1974 में एयर फोर्स अकादमी से स्नातक किया और 1976 में गणित की मास्टर डिग्री हासिल करने के साथ-साथ 1980 में व्यवसाय प्रबंधन कंप्यूटिंग में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। अपने जीवनकाल में उन्होंने फोटोग्राफी के लिए एक जुनून पैदा किया और अपनी तस्वीरों की कई किताबें प्रकाशित कीं। डसॉल्ट एक संगीतकार भी थे और 1970 के दशक के अंत और 1980 की शुरुआत में कई फिल्मों के लिए योगदान दिया। 1975 में एक पेशेवर पायलट के रूप में उन्होंने कई विश्व रिकॉर्ड स्थापित किए।
भारत सरकार ने इसी फ्रांसीसी कम्पनी डसॉल्ट एविएशन से सितम्बर, 2016 में दो स्क्वाड्रन के बराबर यानी 36 राफेल विमानों के लिए 59 हजार करोड़ रुपये का सौदा किया था। इनमें अब तक भारत को तीन किश्तों में 11 राफेल जेट भारत को मिल चुके हैं। बाकी विमान भी 2022 तक भारत को मिलने हैं। फ्रांसीसी कम्पनी डसॉल्ट एविएशन ने ‘मेड इन इंडिया‘ के तहत भारत में 100 से अधिक राफेल लड़ाकू जेट का निर्माण करने का प्रस्ताव रखा है लेकिन भारत ने सभी 36 राफेल जेट की आपूर्ति होने के बाद इस प्रस्ताव पर फैसला लेने के संकेत दिए हैं।