बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत पर फेरा पानी, फसल बर्बाद

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देहरादून। प्रदेश के टिहरी, मसूरी, पिथौरागढ़, नैनीताल आदि क्षेत्रों में वर्षा के साथ-साथ ओलावृष्टि हुई है। राजधानी देहरादून में औसत से मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है। इस वर्षा से गेहूं की कटी और खड़ी दोनों फसलों की काफी क्षति हुई है।
आगामी 24 घंटे उत्तरकाशी समेत कुछ पर्वतीय क्षेत्रों के लिए भारी साबित हो सकते है, जहां 7 सेंटीमीटर तक बारिश हो सकती है। जानकारी देते हुए मौसम विभाग के निदेशक ने बताया कि सोमवार से प्रारंभ हुई वर्षा के पर्वतीय तथा मैदानी क्षेत्रों में काफी तुषारापात किया है।
मौसम विभाग के अनुसार जिन किसानों का गेहूं कट चुका है उसको क्षति हो सकती है, इसीलिए विभाग ने सलाह दी है कि किसान अपनी फसलों के लिए सावधानी बरतें। कुमाऊं के कई क्षेत्रों लामाचौड़, गौलापार, हम्मितपुर, डहरिया सहित ऊधमसिंह नगर के कई क्षेत्रों में कई जगह कटाई के बाद खेत में मढ़ाई के लिए रखा गेहूं खराब होने की स्थिति में पहुंच रहा है।
कृषि विभाग की मानें तो कुमाऊं के तराई क्षेत्रों में लगभग दो लाख तीन हजार नौ सौ हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं बोया गया था जो पूरी तरह पक कर तैयार हो चुका है। कुछ क्षेत्रों में काटकर उसकी मड़ाई की जा चुकी है और घर तक पहुंच गया है लेकिन अधिकांश क्षेत्रों में गेहूं कटने वाला है या कट रहा है जिनके लिए यह वर्षा किसी वज्रपात से कम नहीं है।
जानकारी देते हुए एक किसान ओमकार चौधरी का कहना है कि देहरादून के मैदानी क्षेत्रों में अधिकांश क्षेत्रों में गेहूं की कटाई नहीं हुई है जिनके लिए यह ओलावृष्टि और वर्षा अलाभकारी है। ओमकार चौधरी का कहना है कि अगर 2 दिन वर्षा और हुई तो गेहूं काला पड़ना शुरू हो जाएगा और किसानों को भारी क्षति होगी।
मौसम विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बुधवार को चमोली में सर्वाधिक बारिश 28 मिलीमीटर हुई जबकि राजधानी देहरादून में सबसे कम बारिश 1.9 एमएम हुई। इसी प्रकार टिहरी में 27.4 एमएम हुई, हल्द्वानी में 24 एमएम, बागेश्वर के कफकोट में 22.5 एमएम, कर्णप्रयाग में 20 एमएम, अल्मोड़ा में 11.2 एमएम, रुड़की में 15 एमएम, जखोली में 13.7 एमएम वर्षा हुई है।