राजधानी देहरादून सहित पूरे उत्तराखंड में आफत की बारिश का दौर जारी है। राज्य के सभी चार धाम मार्ग जगह—जगह भूस्खलन व भू-धंसाव के कारण बंद हैं, जहां हजारों यात्री फंसे हुए हैं। बीती रात टिहरी में भारी बारिश से हुए भूस्खलन की चपेट में चार—पांच घरों के आने से स्थानीय लोग भयभीत हैं। हालांकि यहां को जानी नुकसान की बात सामने नहीं आई है लेकिन कुछ मवेशियों के दबे होने की सूचना है। बचाव राहत टीम मौके पर भेजी गई है। राज्य की 297 सड़कें बंद होने के कारण लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग द्वारा अब राज्य में 28 जुलाई तक भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। राजधानी दून से लेकर उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग तथा चमोली तक बीती रात से झमाझम बारिश हो रही है। पौड़ी, टिहरी और बागेश्वर में भी भारी बारिश हो रही है। नैनीताल में भी मौसम का मिजाज फिर बदल चुका है और बारिश के कारण लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं।
टिहरी में बीती रात से भारी बारिश हो रही है। आज सुबह घनसाली और कोटा गांव में भारी भूस्खलन हुआ है। पहाड़ से आए मलबे के कारण 5—6 घरों को भारी खतरा पैदा हो गया है। मलबे में किसी तरह की जनहानि की बात सामने नहीं आई है जबकि मलबे में 4—6 मवेशियों के दबे होने की आशंका है। बचाव व राहत के लिए एसडीआरएफ की टीम को मौके पर भेजा गया है। समाचार लिखे जाने तक यहां रेस्क्यू का काम जारी था।
उधर, दो—तीन दिन पहले हुए भूस्खलन के कारण बंद हुए बदरीनाथ हाइवे को अभी तक नहीं खोला जा सका है। आज जोगधारा में भारी भूस्खलन की चपेट में आई जेसीबी के क्षतिग्रस्त होने की सूचना है। हालांकि इस दुर्घटना में ड्राइवर बाल—बाल बच गया। गंगोत्री राजमार्ग मलबा आने के कारण बंद है तथा यमुनोत्री हाइवे पर अभी डाबरकोट में मलबा आना जारी है, जिसके कारण मार्ग बंद है।
उत्तरकाशी के पुरोला में 4 दिन पहले भारी बारिश के कारण हुई तबाही का खतरा अभी भी कई भवनों पर मंडरा रहा है। पौड़ी में आज 4 घंटे हुई बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है। बागेश्वर में भारी बारिश के कारण नदियों का बढ़ता जलस्तर लोगों को डरा रहा है। प्रशासन मुनादी कर नदी किनारे बसे लोगों के घर खाली करा रहा है।