नैनीताल की पहचान नैनी झील पिछले कुछ समय से अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही थी, झील के पानी के स्तर में लगातार गिरावट आ रही थी और इससे झील के अस्तित्व पर ही खतरे के बादल मंडरा रहे थे। लेकिन पिछले एक महीने में पहाड़ों में हुई झमाझम बारिश ने लोगों को तो परेशान किया है लेकिन नैनी झील को पुनर्जन्म दे दिया है।
बारिश के कारण झील का जलस्तर सामान्य से 1 फुट ऊपर चला गया है। पिछला महीने झील में करीब सामान्य से 7 फुट पानी कम हो गया था। फरवरी 13 से शुरू हुई इस गिरावट के बाद इस महीने ही झील का पानी सामान्य स्तर पर पहुंच सका है। ब्रिटिश काल में बनी 62 कनालों के कारण झील में अब तक हुई 2,352 मीमी बारिश का पानी पहुंच सका है। इसके साथ साथ बारिश के कारण कुछ प्राकृतिक जल स्रोतों को भी जीवन मिला है जिससे झील को मदद मिल रही है।
प्रशासन ने भी झील के साफ सफाई के लिये मशीनों की जगह हाथ से कूड़ा कड़कट साफ करवाना शुरू किया है। नैनी झील के गिरते जल स्तर को लेकर न सिर्फ नैनीताल के लोग बल्कि समाज के हर कोने से लोगों ने आवाज उठाई थी। सरकार से मांग करने से लेकर कैंडल मार्च तक निकाले गये। सरकार भी हरकत में आई और झील के रख-रखाव का काम लोक निर्माण विभाग से लेकर सिंचाई विभाग को दे दिया गया। जानकारों ने बारिश से झील को मिले जीवनदान से राहत की सांस तो ली है पर वो ये भी कहते हैं कि बारिश झील को बचाने का स्थाई समाधान नहीं हो सकता। अगर झील को बचाने के लिये ठोस कदम नहीं उठाये गये तो आने वाले दिनों में फिर विश्व प्रसिद्ध इस झील पर संकट के बादल मंडराने लगेंगे।