राज्य खाद्य योजना के अंतर्गत दिए जा रहे राशन की सब्सिडी अब सीधे लाभार्थियों के खाते में जाएगी। इसके साथ ही अंत्योदय अन्न योजना के परिवारों को प्रति राशन कार्ड दी जानेवाली चीनी की सब्सिडी भी लाभार्थियों के खाते में भेजी जाएगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रमुख सचिव को निर्देशित किया कि इसकी विस्तृत योजना बनाकर कैबिनेट में प्रस्ताव लाएं।वर्तमान में लगभग 10.47 लाख राज्य खाद्य योजना के राशन कार्ड है, जिससे लगभग 45 लाख लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की समीक्षा की। समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने विभाग के अधिकारियों से कई सवाल भी किए। सीएम ने पूछा कि ‘कागजों पर सप्लाई और मौके पर राशन नहीं पहुंचने की स्थिति को रोकने के लिए क्या प्लान है?’, ‘कितनी दुकानें शिकायत मिलने पर निलम्बित की गई?’, ‘कितने लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई हुई है?’,’राशन लोगों तक नहीं पहुंचने पर विभाग की जवाबदेही कैसे तय की जाएगी?‘ आदि सवालों पर अधिकारी बगलें झांकते दिखे। मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को दो टूक कहा कि कार्य संस्कृति में बदलाव लाएं। भ्रष्टाचार और लापरवाही पर सख्त सजा दी जाएगी। व्यवस्था को पारदर्शी बनाया जाए। जनता के हक के एक-एक दाने, एक-एक पैसे का हिसाब जनता को देना है।
इस दौरान प्रमुख सचिव आनन्द वर्धन ने बताया कि 01 अगस्त, 2017 तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के 13,30,404 कार्ड डिजिटलाइज हो गए हैं और 92.13 प्रतिशत कार्डों की आधार सीडिंग हो गई है। राज्य खाद्य योजना (एसएफ0ई) के 10,47300 डिजिटलाइज हो गए है और 96.24 प्रतिशत कार्डो की आधार सीडिंग हो गई है। उन्होंने बताया कि राज्य के समस्त जनपदों द्वारा उचित दर विक्रेता स्तर तक आनलाइन आवंटन किया जा रहा है। सप्लाई चेन सॉफ्टवेयर पर ट्रायल बेसिस पर कार्य किया जा रहा है,।
अक्टूबर 2017 से सप्लाई चेन सॉफ्टवेयर को वास्तविक रूप में इम्लीमेंट करने की योजना है। प्रमुख सचिव आनन्द वर्धन ने बताया कि राज्य के समस्त जनपदों की दो-दो उचित दर विक्रेता स्तर पर पायलट योजना में कुल 26 पीओएस डिवाइस स्थापित की जा चुकी है तथा समस्त 9251 उचित दर विक्रेताओं हेतु पीओएस डिवाइस क्रय करने की कार्यवाही गतिमान है।
उन्होंने बताया कि शिकायत निवारण के लिए राज्य में राज्य खाद्य आयोग स्थापित किया जा चुका है। इसमें जिला शिकायत निवारण अधिकारी, प्रत्येक जनपद में मुख्य विकास अधिकारी को नामित किया गया है। इस आयोग का टोल फ्री न. 1800-180-2000 है। आनलाइन शिकायत निवारण को कारागार बनाने के लिए विभागीय पोर्टल को समाधान पोर्टल से लिंक कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा आवंटित मिट्टी तेल की मात्रा को बिना गैस कनेक्शन धारक परिवारों में वितरण कराया जा रहा है। वर्तमान में राज्य का नियमित मासिक आवंटन 2111 किलो लीटर है। राज्य में गैस कम्पनियों द्वारा सीधे उपभोक्ताओं को उत्तराखंंड आयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन एवं हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन की 220 गैस एजेन्सियो के माध्यम से गैस का वितरण किया जा रहा है।