तीन दिवसीय रवांई लोक महोत्सव का आगाज 23 नंबर से

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उत्तरकाशी, तीन दिवसीय रवांई लोक महोत्सव का आगाज 23 नंबर को होने जा रहा है। सीमांत जनपद उत्तरकाशी की यमुना घाटी स्थित रवांई क्षेत्र का यह सबसे बड़ा सांस्कृतिक समागम बताया जा रहा है। तीन दिन तक जहां लोग विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का लाभ लेंगे वही स्थानीय उत्पादों का भी लोग रस्वादन लेंगे।

उल्लेखनीय हो कि रवांई क्षेत्र के इस लोक महोत्सव में देशभर के बुद्धिजीवी, पत्रकार, सामाजिक चिंतक भी जुट रहे है। आयोजन के प्रमुख शशिमोहन रवांल्टा ने बताया कि,” बाहर से आने वाले आगन्तुको बावत रहने खाने की व्यवस्था बाकायदा गांव में की जा रही है । जहाँ ये मेहमान एक तरफ स्थानीय उत्पादों द्वारा तैयार पकवानों का रस्वादन लेंगे वही स्थानीय संस्कृति का भी लुत्फ उठाएंगे। मेहमान ग्रामीणों के साथ ढोल की थाप पर नृत्य करते नजर आएंगे, पंगत में बैठकर भोजन का आनंद उठायेंगे, पांच सितारा से दूर प्रकृति के बीच इस लोक महोत्सव का आयोजन अपने आप मे अभिनव प्रयोग बताया जा रहा है।”

बताया गया कि तीन दिन तक चलने वाले इस महोत्सव में जहाँ एक तरफ लोक सांस्कृतिक की छटा बिखरेगी वही लोग रवांई घाटी की दिवंगत विभूतियों से भी रूबरू होंगे। दौलतराम रवांल्टा, पतिदास, राजेन्द्र सिंह रावत, बर्फियां लाल जुवांठा, जोत सिंह रवांल्टा जैसी यमुना घाटी की महान विभूतियों के नाम का सम्मान समारोह इस लोक महोत्सव का मुख्य आकर्षण रहेगा। यही नही इस दौरान आयोजको ने “रवांई गौरव सम्मान” की भी शुरुआत की है, जो विधानसभा अध्यक्ष, यमनोत्री के विधायक व पुरोला के विधायक के द्वारा संयुक्त रूप से सम्मानित होने वाली शख्शियत इस मंच पर नवाजा जाएगा।

आकर्षण का विषय यह है कि रवांई लोक महोत्सव में इस बार स्थानीय रवांल्टी भाषा पर क्रमशः 12 लोक कवि कविताओ का काव्यपाठ करेंगे तो वही दूसरी तरफ रवांई, जौनपुर, जौनसार के 50 लोक कलाकार एक साथ मंच पर अपनी प्रस्तुति देंगे। टीम रवांई लोक महोत्सव प्रेम पंचोली, नरेश नौटियाल, अमिता नौटियाल, अशिता डोभाल, रचना बहुगुणा, श्वेता बधानी, अनिल बेसरी, सुमन शाह आदि कार्यकर्ता लोक महोत्सव के सफल संचालन में जोर शोर से जुटे है।