उत्तरकाशी, हाल ही में मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने देशभर में सिंगल यूज़ प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगाने की इपील की थी। इस अपील को घरातल पर उतारने का काम उत्तरकाशी की जिलाधिकारी आशीष चौहान ने एक अनोखे तरीके से कर दिखाया है। प्लासटिक के कूड़े को निर्माण कार्यों में इस्तेमाल कर के।
उत्तरकाशी के डीएम ने अपने दफ्तर के बाहर और आसपास प्लास्टिक की बेकार बोतलों का इस्तेमाल कर बैठने की बैंच और फूलदान बनवाये हैं। इसके पीछे का मकसद सीघा है: प्लास्टिक से होने वाले कचरे का क्रियेटिव और अलग अंदाज में निस्तारण।
डीएम की इस पहले से अबतक करीब 3500 प्लास्टिक की बोतलों से 2.5 X 12 फीट का फूलदान बनाया गया है। ये फूलदान जिले के आपदा प्रबंधन कार्यालय के बाहर बनाया गया है। इसके अलावा करीब 2600 क्विंटल प्लास्टिक बोतलें और वैसा ही अन्य कूड़ा रीसाइक्लि होने का इंतजार कर रहा है। आप और हम अंदाजा ही लगा सकते हैं कि शहर और पर्यावरण की सुंदरता खराब करता ये कूड़ा आने वाले दिनों में कितना बेहतरीन रूप लेगा।
डीएम आशीष चौहान कहते हैं कि, “ये कूड़ा मिलने के पहले स्रोत पर इसके निस्तारण का तरीका है। हम इसके ज़रिये न केवल कार्बन फुटप्रिंट कम कर रहे हैं बल्कि लोगों को भी कूड़े के प्लास्टिक से निर्माण के नये तरीकों के बारे में जागृत कर रहे हैं।”
इसके साथ ही डीएम ने 2016 के स्वीडिश प्लॉगिंग के कंसेप्ट को भी शहर में बढ़ावा दिया है। दरअसल इसके तहत लोग शहर में जॉगिंग करते हुए कूड़ा जमा करते रहते हैं। इस एक छोटी सी पहल ने शहर में लगों के बीच सेहतमंद रहने के साथ साथ अपने पर्यावरण की रक्षा करने के जज्बे को बढ़ावा दिया है।
इस उपाये ने शहर के लोगों पर कैसा असर किया है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शहर भर में लोगों को प्लास्टिक और अन्य कूड़ा जमा करते देखा जा सकता है। इसके साथ ही यहां आने वाले पर्यटकों में भी कूड़ा न फैलाने को लेकर जागरूकता बढ़ रही है।
इस तरह से जमा हुए कूड़े का इस्तेमाल भी प्लास्टिक निपटारे के ऐसे ही नये तरीकों में किया जायेगा। आने वाले दिनों में जिला प्राशसान की इस मुहिम से यही उम्मीद है कि इससे न केवल राज्य बल्कि देश के अलग अलग इलाकों में लोगों के बीच पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता को बढ़ावा मिलेगा।