नई दिल्ली। इनकम टैक्स न चुकाने के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी और ऑस्कर फर्नाडिस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अंतिम सुनवाई 23 अप्रैल को करेगा। आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने आज सुनवाई टालने की मांग की जिसका इनकम टैक्स विभाग की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने विरोध किया। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने पर लगी रोक को भी 23 अप्रैल तक बढ़ा दिया।
पिछले 8 जून को सुप्रीम कोर्ट ने इनकम टैक्स विभाग को तीनों याचिकाकर्ताओं की 2011-12 की टैक्स देनदारी की समीक्षा जारी रखने की इजाजत दी थी । लेकिन कहा था कि इसके आधार पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकेगी।
4 दिसंबर 2018 को भी कोर्ट ने आयकर विभाग को तीनों की 2011-12 की टैक्स देनदारी की समीक्षा जारी रखने की इजाजत दी थी। लेकिन फिलहाल इसके आधार पर कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जब तक मामला कोर्ट में लंबित है तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
13 नवंबर 2018 को सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेताओं की ओर से वरिष्ठ वकील पी चिदंबरम और कपिल सिब्बल ने कहा था कि जब कंपनी के ऊपर कर्ज है तो उसके शेयर होल्डर के पास आय कैसे हो सकती है। आयकर विभाग की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि हम कुछ नोट कोर्ट को सौंपना चाहते हैं उसे देख लें। इस पर नोटिस जारी करने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम खुद कोर्ट के समक्ष मौजूद हैं।
पिछले 10 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। इस मामले पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में सोनिया गांधी की ओर से वरिष्ठ वकील पी चिदंबरम ने कहा था कि यंग इंडियन कंपनी एक चैरिटेबल संगठन है। यंग इंडियन कंपनी ने शेयर धारकों को अभी तक एक रुपया भी नहीं दिया है। उन्होंने कहा था कि आयकर विभाग ने आयकर की गणना गलत तरीके से किया है। उन्होंने कहा था कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और ऑस्कर फर्नांडीस के भेदभाव किया जा रहा है।
यंग इंडियन कंपनी की स्थापना नवंबर 2010 में हुई थी । इस कंपनी ने एसोसिटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) के सभी शेयरों को खरीद लिया था। एजेएल ही नेशनल हेराल्ड अखबार का मालिक है।