गाय को राष्ट्र माता घोषित करने का संकल्प सदन में पारित

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गाय को राष्ट्रमाता घोषित किए जाने के संकल्प को सर्वसम्मति से विधानसभा में पारित किया गया। पशुपालन मंत्री रेखा आर्य की ओर से रखे गए इस संकल्प का भाजपा के साथ कांग्रेस ने भी समर्थन किया। कांग्रेस ने सरकार को गोवंश संरक्षण की दिशा में ठोस प्रयास के रूप में गोशालाओं में बीमार गायों को इलाज व चारा उपलब्ध कराने की भी नसीहत दी।

विधानसभा के पटल पर पशुपालन मंत्री रेखा आर्य ने संकल्प रखते हुए कहा कि, “गाय के उदार व्यवहार के कारण ही उसे मां का दर्जा का प्राप्त है। गाय के दूध को मां के दूध के बराबर माना गया है। सिर्फ दूध ही नहीं मूत्र को भी पवित्र माना गया है। गाय के वास से ही घर हर तरह के वास्तु दोष से मुक्त हो जाता है। राज्य में गोवध, गोमांस के परिवहन, तस्करी अपराध है। कड़ी कार्रवाई के प्रावधान किए गए हैं। गाय धार्मिक रूप से हिन्दू धर्म की आस्था का प्रतीक है।”  भाजपा विधायक विनोद चमोली, देशराज कर्णवाल, संजय गुप्ता ने भी संकल्प का समर्थन किया। निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने कहा कि, “पूर्व में पशुपालन मंत्री रहते हुए वे भी इस प्रस्ताव को सदन में लाए थे। अब सरकार इस प्रस्ताव को लाई है। अब सरकार सड़क पर घूमते गोवंश की भी पुख्ता व्यवस्था करें।”

विपक्ष की समर्थन के साथ ही नसीहत
संकल्प का कांग्रेस ने भी एक सुर से समर्थन किया। हालांकि सरकार को गोवंश संरक्षण को लेकर नसीहत देते हुए आईंना भी दिखाया। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि राष्ट्रमाता घोषित करते हुए सरकार क्या संकेत देना चाहती है। कहीं ये संकल्प केंद्र को खुश करने के लिए तो नहीं लाया गया है। क्योंकि गाय को तो हमेशा से ही मां का दर्जा प्राप्त है। उसके तो दर्शन मात्र से लाभ प्राप्त हो जाता है। बेहतर होता कि सरकार सड़कों पर बीमार, भूखे गोवंश का ख्याल रखती। गोशालाओं में बेहतर इंतजाम किए जाते। ऐसा न हो कि गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देकर उसका अपमान किया जाए।

कहीं संकल्प, तो कहीं गोमांस का समर्थन
विधायक प्रीतम सिंह ने गाय को लेकर भाजपा पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया। कहा कि एक ओर गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देना का संकल्प लाया जा रहा है। वहीं दूसरे राज्यों में भाजपा के नेता गोमांस का समर्थन करते हैं। दूसरे राज्यों में बयान दिए जाते हैं कि गोमांस की कहीं कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। कहा कि गोवंश संरक्षण को लेकर क्या काम कर रही है। गोवंश संरक्षण कानून दिखता क्यों नहीं।