ऋषिकेश, ऋषिकेश एम्स की स्थापना अटल बिहारी वाजपेई के कार्यकाल में हुई थी। उत्तराखंड को एम्स मिलना और यहां बेहतर उपचार की संभावना बनी है तो उसका श्रेय र्स्वगीय अटल बिहारी वाजपेयी को जाता है। ऋषिकेश एम्स ने भी पूर्व प्रधानमंत्री को याद करते हुए अपने निर्माणाधीन ऑडिटोरियम का नाम स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी के नाम पर “अटल ऑडिटोरियम” रखने का फैसला किया है।
एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने यह बात एक मुलाकात में कही। उन्होंने कहा कि अटल जी एक ईमानदार होनहार नेता, ओजस्वी कवि, प्रखर वक्ता, तथा प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी थे। उनकी याद में एम्स में बनने वाले ऑडिटोरियम का नाम “अटल ऑडिटोरियम” रखना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी । यह ऑडिटोरियम सिर्फ वैज्ञानिक गतिविधियों का केंद्र नहीं होगा बल्कि यह साहित्य, संस्कृति तथा कला जगत की बेहतरीन प्रस्तुतियों का केंद्र भी होगा ।
एम्स के अधीक्षक अभियंता शशिभाल पाण्डे ने बताया कि लगभग 25 करोड़ की लागत से बनने वाले इस ऑडिटोरियम का चलीस प्रतिशत काम पूर्ण हो चुका है। आर्बिट्रेशन की वजह से दो साल तक काम बंद रहा। निदेशक प्रो रविकांत के आने के बाद बाकी का साठ प्रतिशत काम केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के माध्यम से पूर्ण कराया जा रहा है। बताया लगभग 750 सीटों की क्षमता वाले इस सभागृह में फिल्म प्रोजेक्शन की व्यवस्था भी होगी । अत्याधुनिक साउंड सिस्टम और प्रकाश व्यवस्था से सुसज्जित इस सभागृह का काम तेजी से चल रहा है। मार्च 2019 तक पूर्ण होने का लक्ष्य रखा गया है।