उत्तराखंड : दुल्हन की तरह सजी ऋषिकेश की मुनि की रेती और त्रिवेणी घाट तीन महीने में हुआ बदहाल

0
188

उत्तराखंड के नरेंद्र नगर और ऋषिकेश में जी-20 कार्य समूह की बैठक में प्रतिभाग करने वाले 20 देशों के विदेशी मेहमानों की मेजबानी के लिए मुनि की रेती और त्रिवेणी घाट को करोड़ों रुपये की लागत से दुल्हन की तरह सजाया गया था, लेकिन मौसम की भारी बारिश और बाढ़ में ये दोनों जगहें तीन महीने में ही बदहाल हो गयी हैं। अब यहां सुंदरता नहीं बल्कि वीरानी और बदइंतजामी का आलम है और निगम प्रशासन चैन की नींद सोया हुआ है।

करीब तीन महीने पहले ऋषिकेश में जी-20 कार्य समूह की बैठक में प्रतिभाग करने वाले 20 देशों के विदेशी मेहमानों की मेजबानी और उन्हें उत्तराखंड और भारत की समृद्ध संस्कृति-परंपरा, संस्कार और रीति रिवाजों से परिचित कराने को ऋषिकेश की मुनि की रेती और त्रिवेणी घाट को बहुत ही शानदार तरीके से सजाया गया था। इसमें सड़कों, चौराहों, भवनों के साथ खास स्थानों पर राज्य की सशक्त परंपरा और लोक नृत्यों को दर्शाया गया था। इन पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए थे।

मुनि की रेती और त्रिवेणी घाट पर छा गयी है विरानी-

दुल्हन की तरह सजे ऋषिकेश में मुनि की रेती और त्रिवेणी घाट पर विरानी छाने के साथ उसकी सुन्दरता को जो ग्रहण लगा है, उसका सबसे कारण तो एक सप्ताह पहले यहां आयी बाढ़ है, जो करोड़ों के खर्च से हुए साज-सज्जा को पानी में बहा ले गयी और प्रशासन तमाशबीन बना रहा है। इसके लिए जिम्मेदार संस्थाएं भी हाथ पर हाथ रखे बैठी रहीं। वैसे बरसात के सीजन में इस प्राकृतिक आपदा में राज्य के कई इलाके प्रभावित हुए हैं जहां जान-माल का भारी नुकसान हुआ है, लेकिन वहां प्रशासन न केवल अपनी सतर्क और फिक्रमंद रहा बल्कि उसके त्वरित गति के रेस्क्यू आपरेशन से बहुत कुछ बचा भी लिया गया। अगर यहां पर भी ऐसा कुछ होता तो शायद कुछ सुन्दरता बच तो जाती। यहीं नही इस कार्यक्रम की समाप्ति के तुरंत बाद कुछ लोगों ने खाने और अन्य सामानों पर भी अपना हाथ साफ कर दिया था।

विदेशी मेहमानों के स्वागत को शानदार तरीके से किया गया था रंग-रोगन

जी- 20 देश के विदेशी मेहमानों को मुनि की रेती और ऋषिकेश तीर्थ नगरी में भारतीय संस्कृति के अनुरूप की जाने वाली गंगा आरती के माध्यम से भारतीय संस्कृति का संदेश दिया गया था। इस दौरान पूरे मुनि की रेती और ऋषिकेश क्षेत्र को विदेशी मेहमानों के स्वागत के लिए करोड़ों रुपये की लागत से सुंदर तरीके से रंग रोगन और पेंटिंग के साथ शहर की एकरूपता बनाते हुए सभी दुकानों के साइन बोर्ड भी रंगे गए थे।

इतना ही नहीं नटराज चौक से देहरादून मार्ग, हरिद्वार मार्ग और त्रिवेणी घाट पर भी लाखों रुपये की लागत से सुंदर गमलों में पौधे लगाकर प्राकृतिक सुंदरता के दर्शन भी करवाए गए थे। त्रिवेणी घाट पर विदेशी मेहमानों की मेजबानी के दौरान उनके रास्तों में पड़ने वाले ऐतिहासिक त्रिवेणी घाट पर स्थित पौराणिक गौरी शंकर मंदिर, गणेश मंदिर, गंगा जमुना सरस्वती के मंदिरों के अलावा त्रिवेणी घाट का निर्माण करवाने वाले घनश्याम दास बिड़ला की लगाई गई मूर्ति को भी अतिक्रमण बताते हुए हटा दिया गया था।

इसके बाद घाट की सुंदरता को बनाए रखने और रास्तों में पड़ने वाले अतिक्रमण को न होने देने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन ने नगर निगम को सौंपी गई थी, लेकिन निगम के अधिकारियों की लापरवाही के चलते तीन महीनों में ही घाट की सुंदरता भी समाप्त हो गई और अतिक्रमणकारियों ने सभी रास्तों पर पुनः अपने कब्जे कर लिए हैं, जिससे त्रिवेणी घाट पर आने जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं पिछले दिनों बारिश के कारण गंगा नदी में बढे़ जलस्तर के चलते गंगा घाट पर आई रेत से पूरा घाट कई फुट तक रेत के टीलों में तब्दील हो गया है। इससे भी गंगा स्नान करने वाले यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

कहने का मतलब कि अभी भारत में जी-20 बैठक की समाप्ति हो भी नहीं पाई है कि अधिकारियों की लापरवाही के चलते दोनों टिहरी गढ़वाल जिले का नरेंद्र नगर और ऋषिकेश शहर फिर से पुरानी बेरुखी और अतिक्रमण की जद में आ गए हैं।

नगर निगम के अधिकारियों ने इस रेत को हटाए जाने की जहमत तक नही उठाई है। निगम ने इसकी जिम्मेदारी गंगा सेवा समिति के सिर पर के सिर फोड़ दी है। उनका कहना है कि यह जिम्मेदारी गंगा सेवा समिति की है।

नगर निगम के मुख्य आयुक्त राहुल गोयल का कहना था कि गंगा सेवा समिति को त्रिवेणी घाट की साफ सफाई के साथ गंगा आरती की जिम्मेदारी सौंप गई है। जी-20 के दौरान भी गंगा सेवा समिति को यह जिम्मेदारी दी गई थी। इसके लिए निर्देशित भी किया गया है कि वह जल्द त्रिवेणी घाट पर आई रेत को हटाकर साफ सफाई करें और जो लोग अतिक्रमण कर रहे हैं ,उन्हें रोका जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे अतिक्रमण कार्यों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

इस बारे में एसडीएम योगेश मेहरा का कहना है कि उन्होंने हाल ही में कार्यभार संभाला है। वे इस मामले की जानकारी करेंगे और लापरवाही पाए जाने पर संबंधित लोगों की जांच कराएंगे।