बीजेपी सरकार प्रदेश में जल्द ही नए नगर निकायों के लिए काम शुरू करने जा रही है जिसके बाद तीर्थनगरी ऋषिकेश और पिथौरागढ़ को नगर निगम बनने में देरी नहीं लगेगी। हरीश रावत सरकार ने अंतिम दिनों में ऋषिकेश को नगर निगम बनाने का प्रस्ताव पारित करके उम्मीद जगा दी थी। अब त्रिवेंद्र सरकार भी ऋषिकेश को नगर निगम बनाने का प्रस्ताव दुबारा कैबिनेट में लाने जा रही हैं।
तीर्थनगरी ऋषिकेश जो की अपने योग और आध्यात्म के लिए जाना जाता है, जल्द ही नगर निगम की श्रेणी में आने वाला है, जिसके लिए बीजेपी सरकार ने तेजी से काम शुरू कर दिया है। आपको बता दें की बीजेपी सरकार में नए नगर निकायों की संख्या सौ से पार पहुँचना तय माना जा रहा है और इसी लिस्ट में ऋषिकेष का नाम भी लगभग पक्का होता दिख रहा है। शहरी विकास विभाग ने इसके लिए काम करना शुरू कर दिया है।
ऋषिकेश से बीजेपी विधायक और विधानसभा अद्यक्ष प्रेम चन्द अग्रवाल ने बताया कि जल्द ही ये फैसला कैबिनेट मीटिंग में आने वाला है और पूरी कोशिश होगी की इससे हमारे क्षेत्र का विकास हो सके। योग और आध्यात्मिक नगरी ऋषिकेश में आबादी का दबाव पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ा है। एक तरफ टिहरी और पौड़ी का कुछ हिस्सा ऋषिकेश से जुड़ा हुआ है, खास तौर से स्वर्गाश्रम और मुनि की रेती का क्षेत्र तो ऋषिकेश का ही हिस्सा माना जाता है जबकि ये पौड़ी और टिहरी जिले के अंतर्गत आते है। इस वजह से भी ऋषिकेश में नगर निगम बनने की पूरी क्षमता है।
दूसरी तरफ अगर ऋषिकेश को नगर निगम बनाया जाता है तो यहाँ न केवल केंद्र की योजनाओं का लोगों को ज्यादा लाभ मिल पाएगा, साथ ही ऋषिकेश में मेट्रो के सपने को भी पूरा किया जा सकता है । ऋषिकेश के नगर निगम बनने से न केवल लोगों को इसका लाभ मिलेगा बल्कि इससे जो अभी तक शहर में सीवर को लेकर बड़ी समस्या थी उससे भी शहर और गंगा को निजात मिलेगी। परन्तु अब देखने वाली बात यह है कि प्रदेश की प्रचंड बहुमत वाली सरकार ऋषिकेश को नगर निगम बनाने में कितना समय लेती है ।