अब नहीं तैयार हो सकेेंगे अभिनव बिंद्रा जैसे देश के गौरव

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देश को स्वर्णिम इतिहास रचने वाले और गौरव प्रदान करने वाले अभिनव बिंद्रा जैसे नाम अब तराशे नहीं जाएंगे। जिस स्कूल से निकलकर ऐसी प्रतिभाओं ने देश को पहचान देने का सफर शुरू किया, अब वह अपने अखिरी मुकाम पर है। स्कूल प्रबंधन ने शिक्षा के क्षेत्र में सेवाएं न देने की घोषणा की है। स्कूल केवल इस सत्र के लिए संचालित किया जाएगा। इसे लेकर अभिभावकों को भी सूचना दे दी गई है। 
देश दुनिया में स्कूली शिक्षा के मामले में अपनी अलग पहचान रख्राने वाले देहरादून में एक शिक्षा के मंदिर के दरवाजे हमेशा के लिए बंद होने जा रहे हैं। रिवरडेल स्कूल सोसाइटी ने अगले सत्र से स्कूल बंद करने का निर्णय लिया है। इसे लेकर बोर्ड सदस्यों ने भी हरी झंडी दे दी है। सोसाइटी की प्रेसीडेंट सुरजीत सिंह आहलुवालिया ने इस फैसले के बाद एक भावुक पत्र भी अभिभावकों को भेजा है। जिसमेें उन्होेंने बीते 38 वर्षों की उपलब्धियों के साथ ही परेशानियों को भी अभिभावकों से साझा किया। उन्होंने बताया कि बीते 63 सालों से शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी रहने के बाद उन्होंने अपनी बहन जगबाला सिंह के साथ मिलकर 1979 में इस स्कूल की नींव रखी। साल दर साल स्कूल ने गुणवत्तापरक शिक्षा छात्र-छात्राओं को सकारात्क दिशा में मागदर्शन करते हुए कई अहम उपलब्ध्यिां हासिल की। स्कूल से कई ऐसी हस्तियां देश सेवा को समर्पित हुई जो आज भी किसी पहचान की मोहताज नहीं है। इनमें एक नाम है देश को आलंपिक में मेडल दिलाने वाले इंटरनेशनल शूटर अभिनव बिंद्रा का। इसी के साथ देश सेवा में लगे कई आईएएस, आईपीएस व विभिन्न क्षेत्रों में नाम कमाने वाले छात्र भी स्कूल ने दिए। सोसायटी की प्रेसीडेंट सुरजीत सिंह आहलुवालिया ने बताया कि बीते 63 साल के सफर के बाद अब उम्र व स्वास्थ्य स्कूल के बेहतर संचालन में बाधा बन रही है। जिस कारण स्कूल को बंद करने का फैसला किया है। हालांकि, सत्र 2017 को संचालित किया जाएगा। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों के बेहतर भविष्य को ध्यान मेें रखते हुए अगले सत्र के लिए अभी से तैयारी कर लें।