रूस की वैक्सीन स्पूतनिक-वी को भारत में दूसरे और तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल की अनुमति मिल गई है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसजीसीआई) ने डॉक्टर रेड्डीज लेबोरेटरीज की भारतीय इकाई को यहां ट्रायल की अनुमति दी है।
रूस के प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) और डॉक्टर रेड्डीज लेबोरेटरीज के बीच कोरोनावायरस की वैक्सीन स्पूतनिक-वी क्लिनिकल ट्रायल और उसके वितरण को लेकर एक समझौता हुआ है। दोनों मिलकर भारत में 10 करोड़ वैक्सीन उपलब्ध कराएंगे।
रूस में इस तरह की वैक्सीन के उत्पादन की क्षमता बहुत कम है। इसका मतलब है कि भारत में इस वैक्सीन का उत्पादन होगा और इसमें से 10 करोड़ वैक्सीन भारत को मिलेगी।
आरडीआईएफ और डॉक्टर रेड्डीज लेबोरेटरीज की ओर से जारी एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत में नियामक संबंधी अनुमति मिल चुकी है। यह कई केंद्रों पर एक साथ क्रमरहित नियंत्रित और सभी सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखते हुए रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा होने से जुड़ा अध्ययन होगा।
वर्तमान में स्पूतनीक-वी वैक्सीन का रूस में तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। इसमें 40 हजार लोगों पर दवा के असर का अध्ययन होगा। वहीं पिछले सप्ताह इस वैक्सीन को लेकर यूएई में भी तीसरे चरण का ट्रायल जल्द शुरू होगा।
डॉक्टर रेड्डीज लेबोरेटरीज के सह-अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक जी.वी. प्रसाद ने कहा कि डीसीजीआई के कठोरतम मानकों और मार्गदर्शन के तहत कार्य करेंगे। हम अध्ययन के अप्रभावित व सुरक्षित होने का पूरा ध्यान रखेंगे।
आरडीआईएफ के सीईओ किरिल दिमित्रीदेव ने कहा है कि भारत में क्लिनिकल ट्रालय स्पूतनीक वी वैक्सीन के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।