ऋषिकेश, हाईकोर्ट के आदेश पर गंगा बचाओ तथा हरिद्बार में हो रहे अवैध खनन के विरुद्ध आमरण अनशन कर रहे सदानंद केसी अग्रवाल की हालत बिगड़ने पर प्रशासन ने उन्हें ऋषिकेश एम्स में उपचार के लिये भर्ती करवा दिया है।
सदानंद पिछले काफी समय से हरिद्वार स्थित मातृसदन मे जिला प्रशासन के खिलाफ हरिद्वार क्षेत्र में हो रहे नदियों में अवैध खनन को लेकर आमरण अनशन कर रहे है। जिनका स्वास्थ्य खराब हो जाने पर उन्हें देहरादून भर्ती करवाया गया था। परन्तु उनके स्वास्थ्य में लगातार हो रही गिरावट को देखते हुए बृहस्पतिवार की सुबह ऋषिकेश एम्स में उपचार हेतु भर्ती कर दिया गया है।
इस मामले में एक पीटिशन उत्तराखंड हाई कोर्ट मे भी दाखिल की गई थी।जिसके बाद कोर्ट ने सदानंद के जीवन रक्षा के साथ राज्य के प्रमुख सचिव को 12घण्टों के अंदर बातचीत करने के आदेश भी दिये।
डीएम और एडीएम के खिलाफ हाईकोर्ट जाएगा मातृसदन
मातृसदन में अनशन पर बैठे स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद को जबरन उठाए जाने के खिलाफ मातृसदन डीएम और एसडीएम के खिलाफ हाईकोर्ट में वाद दायर करेगा।
गुरुवार को मातृसदन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा कि किसी भी धार्मिक स्थल में तपस्या करने से रोके जाने का अधिकार किसी के पास नहीं है, लेकिन जब से डीएम दीपक रावत और एसडीएम मनीष कुमार सिंह यहां आए हैं, तब से संतों की तपस्याओं को जबरन भंग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डीएम और एसडीएम की ओर से स्वामी सानंद को तपस्या करते हुए जबरन उठाया गया। जो धर्म के आचरण के विपरीत है। ऐसा कर डीएम व एसडीएम संतों की धार्मिक आजादी को भी छीनने का काम कर रहे हैं। कहाकि पुलिस बल के साथ संतों को जबरन गाड़ियों में बैठाकर ले जाने से जहां तप भंग होता है, वहीं आश्रम की छवि भी धूमिल हो रही है। कहा कि प्रशासन की कार्रवाई की सीसीटीवी फुटेज को आधर बनाकर मातृसदन डीएम दीपक रावत और एसडीएम मनीष कुमार सिंह के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करेगा। कहा कि धार्मिक आजादी छीनने और किसी का अपमान करने का अधिकार किसी को नहीं है।