सम्राट अौर गिर गाय बनी कौतिक का आकर्षण

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पन्तनगर, पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय परिषर में पशुपालन विभाग द्वारा अब तक के सबसे बड़े दो दिवशीय पशुधन कौतिक मेले का आयोजन किया गया। जिसमे भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय गाय गिर गाय लोगों का आकर्षण का केंद्र बनी रही, मूल रूप से जूनागढ़ गुजरात की प्रजाति गिर गाय पूरे मेले में आकर्षण का केंद्र बनी रही। काशीपुर के सुगंधा गिर गौशाला के संस्थापक लाल सिंह नेगी ने बताया कि, “पशु मेले में पहली बार प्रतिभाग कर रहे है पूरे भारत मे गिर गाय आज विलुप्ति की कगार पर है। भारत मे मात्र तीन हजार गिर गाये ही अभी मौजूद है ,जबकि हिंदुस्तान से ब्राजील ले जाई गयी गिर गाये की तादात मौजूदा समय मे 40 लाख है। ऐसे में हिंदुस्तान से गिर गाये विलुप्ति की कगार पर है।” उन्होंने बताया कि, “गिर गाय का जिक्र वेदों में भी है, गिर गाय से मिलने वाला दूध आयूर्वेद के हिसाब से महत्त्वपूर्ण है इसके दूध के सेवन से ह्रदयरोग, कैलेस्ट्रोल व डिप्रेशन को भी दूर करता है। अंतरास्ट्रीय स्तर पर गिर गाय का घी 10 हजार रुपये किलो बिक़ सकता है, जबकि नोयडा में एक गौशाला इसके घी को चार हजार दो सौ रुपये किलो व दूध 160 रुपये लीटर बेचा जा रहा है।”

काशीपुर में उनके द्वारा घी ढाई हजार रुपये व दूध 70 रुपये लीटर बेचा जा रहा है। उन्होंने कहा मेले में गिर गाय की प्रदर्शनी के पीछे ऐसी गायों को बढ़ावा देना है जो आज विलुप्ति की कगार में है । देश आज गिर गाय को भूलता जा रहा है अगर पशुपालक गिर गाय को पालता है तो निश्चित ही वो अपनी आय को बढ़ा सकता है।

वही मेले में हरियाणा का भैंसा सम्राट का जलवा रहा। सम्राट भी मेले में लोगो की सुर्खियां बटोरता हुआ दिखाई दिया, हरियाणा से सम्राट को लेकर पहुचे काश्तकार लखवीर सिंह ने बताया कि, “अभी सम्राट 4 साल का हुआ है लेकिन प्रदर्शनी में वो आधा दर्जन से अधिक स्थानों में नम्बर वन का खिताब जीत चूका है। सम्राट रोजाना सुबह और साय 8 लीटर दूध पीता है। सम्राट का महीने में छ सौ से सात सौ बार सीमेन निकाला जाता है। अब तक इसके सीमन से 6 सौ बच्चे हो चूके है। सम्राट के ऊपर महीने में लगभग 20 हजार रुपये का खर्च आता है । साल भर में 5 से 6 लाख का सिमन बेच दिया जाता है। जैसे-जैसे ये बड़ा होगा, उससे होने वाली आय भी बढ़ेगी। सम्राट मुर्रा प्रजाति का भैसा है।