कोरोना काल में अनूठा आर्ट फेस्टिवल लाया सांख्य आर्ट फाउंडेशन

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कोरोना के कारण जहां दुनियाभर में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं, वहीं कला को लोगों तक पहुंचाने के लिये एक अनोखी पहल की गई। ‘सांख्य आर्ट फॉउंडेशन’ और ‘ललित कला अकादमी क्षेत्रीय केंद्र, लखनऊ’ के संयुक्त तत्वावधान में ‘सोहम हिमालयन म्यूजियम’ तथा ‘ दशरूपक’ के सहयोग से तीन दिन के ऑनलाइन “साँख्य कबीर महोत्सव’ के पहले सालाना संस्करण का आयोजन किया गया। इस महोत्सव की शुरुआत पांच जून को हुई थी।

समारोह की प्रथम प्रस्तुति प्रख्यात चित्रकार श्री एस. प्रणाम सिंह ( विख्यात चित्रकार एवं एच.ओ.डी. डिपार्टमेंट ऑफ पेंटिंग, फैकल्टी ऑफ विज़ुअल आर्ट्स, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय) द्वारा कबीर का सजीव चित्ररूपण थी।

द्वितीय प्रस्तुति कबीर पर व्याख्यान:- प्रो. सदानंद शाही जी ( यशस्वी लेखक, प्रो. डिपार्टमेंट ऑफ हिंदी, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय)।

6 जून की प्रथम प्रस्तुति डॉ. सुनील कुमार विश्वकर्मा जी ( एच. ओ. डी., डिपार्टमेंट ऑफ फाइन आर्ट्स, एम. जी. के. वि. पी., वाराणसी)द्वारा कबीर का अत्यंत मनमोहक बहुअर्थी सजीव चित्ररूपण रही।

द्वितीय प्रस्तुति कबीर भजन- विदुषी डॉ. रेवती साकलकर जी (प्रो. डिपार्टमेंट ऑफ वोकल म्यूजिक, फैकल्टी ऑफ परफार्मिंग आर्ट्स, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय)।

तृतीय प्रस्तुति कथक नृत्य:- श्री विशाल कृष्णा (सम्मानित कथक नर्तक)। दिनाँक 7th जून की पहली प्रस्तुति भजन प्रस्तुति:- डॉ. राम शंकर सिंह(अस्सिस्टेंट प्रो. डिपार्टमेंट ऑफ वोकल म्यूजिक, फैकल्टी ऑफ परफार्मिंग आर्ट्स, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय)।

दूसरी प्रस्तुति कबीर वाणी लोक गायन:- ताना- बाना ग्रुप (कबीर मठ, कबीरचौरा, वाराणसी) द्वारा दी गयी।  इस महोत्सव का समापन पद्मश्री पं. राजेश्वर आचार्य जी के कबीर व्यख्यान और शास्त्रीय स्वर से किया गया।

कोरोना काल में इस ऑनलाइन आयोजन को बहुत सराहा गया। तकरीबन 350 लोग लाइव प्रसारण देख रहे थे। महोत्सव के आयोजक हरिदर्शन जी ने सभी दर्शकों, श्रोताओं का आभार जताया। इस कार्यक्रम को मूर्त रूप देने तथा सफल बनाने के लिए डॉ. देवेंद्र त्रिपाठी, सुमित श्रीवास्तव, समीर शुक्ला, डॉ. कविता शुक्ला, सरु डबराल, डॉ. श्वेता कुमारी, योशिता रत्नम, मुकेश तिवारी, अनीस तथा प्रतीक महंत का विशेष आभार व्यक्त किया।