बागेश्वर। पूर्व सीएम व सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि उन्होंने कहा कि सरमूल को वे धार्मिक और सहासिक पर्यटन के रूप में विकसित करेंगे।
सांसद कोश्यारी ने कपकोट से सरमूल तक यात्रा का बुधवार को शुभारंभ के मौके पर यह बातें कही। इस मौके पर उन्होंने सरमूल पहुंचकर पूजा अर्चना की। कहा कि सरयू का उदगम स्थल सरमूल में 2022 तक गाड़ी पहुंचा जाएगी। उन्होंने कहा कि सौ प्राकृतिक धाराओं से सरयू निकलती है। जिसका पुराणों में भी महत्व है।
कपकोट से भद्रतुंगा 28 किमी गाड़ी और वहां से दस किमी पैदल यात्रा के बाद कोश्यारी सरमूल पहुंचे। उनके साथ 100 से अधिक पैदल यात्री शामिल हुए। पैदल रास्ते, पहाड़, नदियां, नाले नापते हुए वे सौ धाराओं के समीप पहुंचे। उनके लिए सरयू नदी 18 लकड़ी के कच्चे पुल भी बनाए गए थे।
सांसद ने कहा कि इस क्षेत्र को धार्मिक और सहासिक पर्यटन के रूप में जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि अगली दीपावली में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को यहां लाने का प्रयास होगा। सरयू का नाम सरमूल से अयोध्या तक सरयू रखने पर भी काम होगा।
इस मौके पर विधायक बलवंत भौर्याल, सुरेश गड़िया, चंपा देवी, मनोहर राम, दयाल ऐठानी, गीता ऐठानी, दयाल कुमल्टा, भगवत कोरंगा, सुंदर देव, मनोज ओली, मानवती देवी आदि मौजूद थे। कलश यात्रासांसद कोश्यारी के साथ महिलाएं भी बड़ी संख्या में सरमूल पहुंची। उन्होंने कलश यात्रा निकाली। सरमूल का जल लेकर वह अपने घरों में पहुंची। देवी-देवताओं को चढ़ाया।