रंगों से नई नई कहानियां बयां करती हैं सरोजिनी डबराल

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अपने चाहने वाले और कला प्रेमियों के बीच सरू के नाम से पहचाने जाने वाली पेंटर सरोजिनी डबराल अपनी कला से अपने उत्तराखंड प्रेम को लोगों के बीच लाती रहती हैं। सरू सादी के बाद ज़रूर मुंबई शिफ्ट हो गई हैं पर उत्तराीखंड के लिये ुनका प्यार रंगों का रूप लेकर उनकी पेंजिग में झलकता रहता है।

सरू टिहरी के चमरोली गांव की हैं औऱ उनकी परवरिश दिल्ली में हुई है। सरू ने अपने करियर की शुरुआत दिल्ली में फैशन डिजाइनर के तौर पर की लेकिन पेंटिंग के प्रति उनके बचपन के प्यार ने उन्हें आखिरकार एक पेशेवर पेंटर बना दिया। गौरतलब है कि सरू ने कभी पेंटिंग की ट्रेनिंग नहीं ली है बल्कि 2010 से शौकिया ऑयल पेंट, ऐक्रेलिक और टर कलर्स से वो खुद पेंटिग करती आ रही हैं।

sarojini dabral

सरू कहती हैं कि “मेरा प्रकृति, बच्चों, महिलाओं और इमारतों के प्रति काफी रुझान है लेकिन किसी भी अच्छे विचार से मुझे प्रेरणा मिलती है। यहीं कारण है कि सरू की अधिक्तर पेंटिग्स में हमें पहाड़ औऱ खासतौर पर उत्तराखंड की झलक मिलती है।”
सरू अपने परिवार और काम के बीच समन्वय बिठाने में भी कामयाब हैं। वो कहती हैं कि “अगर आप किसी चीज के प्रति लगन से काम कर रहैं तो बाकी सब चीज़ें खुद ब खुद रास्ते पर आ जाती हैं।”
सरू इसी बात पर अमस करती आ रही हैं। अपने पेंटिग के सौक को उन्होने नहीं चोड़ा है और वो कहती हैं कि “इतने सालों की मेहनत और प्रैक्टिस के बाद मुझमें विश्वास आया है कि मै इस कला में और महारत और नई नई चीज़े कर सकती हूं।”

न्यूजपोस्ट की तरफ से इस युवा कलाकार को ढेरों बधाईयां।