ऋषिकेश नगरी ऋषिकेश पर्यटन के रूप में भी अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। यहाँ सालभर पर्यटक गंगा नदी में राफ्टिंग और मौज-मस्ती करने के लिए देश दुनिया से आते है लेकिन पिछले काफी समय से गंगा नदी में हादसों की संख्या काफी बढ़ती दिखी है। आये दिन गंगा में होते हादसों की खबरें यहाँ आम हो चुकी है जो की यहाँ के पर्यटन और प्रशासन के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। ऋषिकेश को राफ्टिंग, ट्रेकिंग और कैंपिंग के लिए परफ़ेक्ट जोन माना जाता है, गंगा नदी के किनारे मौज-मस्ती करना भला किसे पसंद नहीं? लेकिन अगर सावधानी न बरती जाए तो ये मौज-मस्ती किसी भयानक घटना में बदलते वक्त नहीं लगता। ऐसा ही एक मामला ऋषिलेश के नीमबीच पर सामने आया है जहाँ गंगा में नहाते हुए एक 20 वर्ष की लड़की पानी के तेज बहाव में बह गई। बताया जा रहा है कि सौम्या सुगम दिल्ली से ऋषिकेश अपने परिवार के साथ घूमने आई थी, जहाँ वह अपने परिवार के साथ गंगा में नहाने गई थी लेकिन बहाव तेज होने के कारण सौम्या पानी से बाहर नही आ पाई और वहीँ पानी में डूब गई पुलिस लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है लेकिन अभी तक लड़की का कुछ पता नही चल पाया है।
ये कोई पहली घटना नही जब गंगा की तेज धाराओं में कोई डुबा हो इससे पहले भी इसी तरह के कई मामले सामने आये है, बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर इन हादसों पर लगाम क्यों नहीं लग पा रही है जबकि पुलिस और प्रशासन हमेशा सुरक्षा के पुख्ता दावे करने की बात करते है। मामले की जाँच कर रहे वरिष्ठ उपनिरीक्षक धरीजमणि बलूनी का कहना है कि पुलिस द्वारा पर्यटकों को बार बार खतरे के बारे में बताया जाता है लेकिन नदी का फैलाव काफी बड़ा होने के कारण हर जगह हमारा रहना मुमकिन नही हो पाता । वैसे तो गंगा को जीवनदायनी नदी कहा जता है, लेकिन जिस तरह लगातार गंगा में हादसे बड़ रहे है उससे ये सवाल खड़ा होता है कि क्या लोगों में सुरक्षा के प्रति जागरूकता की कमी है या प्रसाशन की तरफ से कहीं न कहीं चूक हो रही है।