चमोली जिले के दशोली विकास खंड के गुनियाला गांव के स्कूली बच्चों और ग्रामीणों पर प्रशासन की लापरवाही अब भारी पड़ने लगी है।
आपदा के दो माह बाद भी यहां पर पैदल रास्तों और सड़क के मरम्मत का शुरू नहीं हो सका है, जिसके चलते ग्रामीणों के साथ ही गांव के स्कूली बच्चे भी जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं। विभागीय कर्मचारियों की लापरवाही का आलम यह है आपदा के दो माह बाद भी सुधारीकरण को लेकर प्रस्ताव आपदा प्रबंधन विभाग को नहीं भेजा जा सका है।
दशोली ब्लॉक के मठ-गुनियाला गांव में एक अगस्त को हुई मूसलाधार बारिश से गांव को यातायात सुविधा उपलब्ध कराने वाली सड़क और पैदल रास्ते क्षतिग्रस्त हो गये थे। प्रशासन की टीम ने संयुक्त मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में आपदा प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर विभागीय कर्मचारियों को आवश्यक कार्रवाई कर प्रभावितों को राहत पहुंचाने के निर्देश दिये थे। लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही के चलते वर्तमान तक यहां पैदल मार्ग और सड़क मरम्मत के प्रस्ताव भी आपदा प्रबंधन कार्यालय को नहीं मिल सके हैं।
मठ झडेता ग्राम प्रधान सजंय राणा, बेमरु ग्राम प्रधान पंकज कुमार, इंदर सिंह, जगदीश सेमवाल, प्रेम सिंह, सुमन राणा, बंसी प्रसाद और रविंद्र नेगी का कहना है कि गांव के निचले हिस्से में टीएचडीसी की ओर से बनी आधी-अधूरी सड़क के चलते गांव के पैदल मार्ग, नाप भूमि और भवन खतरे की जद में हैं।
मठ-गुनियाला गांव में पैदल रास्तों के साथ ही अन्य सुधारीकरण कार्य के लिए विभागों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। लेकिन वर्तमान तक प्रस्ताव प्राप्त नहीं हो सके हैं। विभागों को पत्र लिखकर पुन: प्रस्ताव मंगवाए जा रहे हैं। जल्द ही गांवों के पैदल मार्ग और अन्य व्यवस्थाएं सुचारु की जाएंगी।