ऋषिकेश त्रिवेणी घाट पर आज का नजारा कुछ बदला-बदला सा था हजारों की संख्या में स्कूली छात्र छात्राएं गंगा को स्वच्छ निर्मल रखने की मुहिम का हिस्सा बनें।देवप्रयाग के पहाड़ों से उतरकर गंगा ऋषिकेश में शांत रूप में बहती हुई मैदानों का रूख करती है जिसके चलते कई गंदे नाले और शहर की आबादी का बोझ गंगा के जल पर साफ देखा जा सकता है। हालात इतने बिगड़ गए कि हाईकोर्ट को मां गंगा को बचाने के लिए जीवित मानव का दर्जा देना पड़ा जिससे इसकी सुरक्षा के लिए एक कानून बना,लेकिन जन जागरूकता की कमी लगातार अभी भी आस्था की इस धारा को अपवित्र करती जा रही है। जिस को एक बार फिर निर्मल और स्वच्छ बनाने के लिए गंगा तट पर रहने वाले 1000 से ज्यादा बच्चों ने संकल्प लिया है और गंगा स्वछता अभियान के तहत त्रिवेणी घाट पर इकट्ठा हो कर एक जन जागरूकता रैली निकाली है।
आयोजकों का मानना है कि बच्चों में अगर बचपन से ही हम स्वच्छता की आदत डालेंगे तो आगे चलकर वह एक अच्छे नागरिक के रूप में लोगों को जागरुक करेंगे।गंगा स्वच्छता अभियान की शुरुआत और स्कूली बच्चों का हौसला बढ़ाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर इस अभियान की शुरुआत करते दिखे और बच्चों को स्वच्छता का पाठ पढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता मिशन की जानकारी दी।
इस अवसर पर बोलते हुए रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि मां गंगा हमारी एक धरोहर है जिस को साफ और स्वच्छ रखना यहां के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।मैंने बच्चों को शपथ दिलाई है वह जनजागरूकता फैलाकर इस पवित्र पावनि मां गंगा को स्वच्छ बनाने में आगे आएं और देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को भी स्वच्छता की ओर जागरूक करें। ऋषिकेश देवभूमि का प्रवेश द्वार है जहां साल भर मां गंगा में स्नान करने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु देश विदेश से पहुंचते हैं,ऐसे में गंगा में बढ़ते प्रदूषण को लेकर उन सब की आस्था पर भी चोट पहुंचती है,जरूरत है तो समाज में जन जागरूकता फैलाने की जिससे आने वाले दिनों में गंगा स्वच्छ निर्मल होकर बहने लगे।