चाक,डस्टर और बैग के साथ खुल गए मसूरी के स्कूल

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तीन महीने की लंबी छुट्टियों के बाद,हिल स्टेशन मसूरी के लगभग एक दर्जन स्कूल मार्च के पहले हफ्ते में नए सेशन के लिए खुल जाऐंगे।पारंपरिक तौर से पहाड़ी क्षेत्रों में सर्दियों के शुरुआती दिनों में बंद कर दिए जाते हैं।नवंबर आखिरी से तीन महीने की छुट्टियों के बाद मार्च के पहले हफ्ते यानि वसंत ऋतु में सभी स्कूल खुल जाते है।देश और दुनिया के हर कोने से स्कुल के बच्चे अपना सामान तैयार कर अपना रुख मसूरी की तरफ कर लेते हैं ताकि वह समय से अपने स्कूल मसूरी पहुंच सकें।

हालांकि हास्टल में रहने वाले बच्चे स्कूल खुलने से एक दिन पहले पहुंच जाते हैं और आस पास रहने वाले बच्चे स्कूल खुलने के दिन ही आते हैं।पामो भोटिया और उनके पति हेम हायांकि दिल्ली से अपनी बेटी आना क्लास 4 की स्टूडेंट को मसूरी छोड़ने के लिए आज सुबह ही विनवर्ग एलेन स्कूल पहुंचे,विनवर्ग वर्ष 1888 में स्थापित हुआ स्कूल है।पामो ने अपना बचपन और अपनी पढ़ाई का समय मसूरी में निकाला है और अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए मसूरी उनकी पहली पसंद बना।इनके जैसे बहुत से माता पिता अपने-अपने बच्चों को आने वाले 8 महीनों के लिए स्कूलों में छोड़कर जा रहे हैं,ना सिर्फ भारत के बल्कि दुनिया के हर कोने से लोग अपने बच्चों को मसूरी के स्कूल में पढ़ने के लिए भेजते हैं।मसूरी के लोकल लोग अपने बच्चों के लिए यूनिफार्म,स्टेशनरी और जरुरत की चीजें खरीदने में व्यस्त हैं।जहां बच्चों को नई क्लास में जाने की उत्सकुता है वहीं उनके माता पिता इस तैयारी में है कि कहीं आखिरी मौके पर कोई काम या फार्मेलिटी ना छूट जाए।

मसूरी वैसे तो पर्यटकों के बीच अपनी खुबसूरती के लिए मशहूर है लेकिन इसके साथ ही मसूरी में बहुत से स्कूल भी मशहुर है,कुछ तो 1820 वीं सदी के स्कूल भी है।लगभग एक दर्जन स्कूल पहाड़ो की रानी मसूरी की इकोनामी में मदद कर रहे हैं,और इनकी ख्याति अपने आप में मसूरी के लिए गर्व की बात हैं।