चारधाम यात्रा के लिहाज से अहम था सिग्नेचर ब्रिज, अनदेखी जान ले लेगी साहब! दो साल में दो बार गिरा पुल

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उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग के नरकोटा में बन रहा राज्य का पहला सिग्नेचर ब्रिज दो साल में दूसरी बार फिर ढह गया। जिस जगह पर ये हादसा हुआ है उसे लेकर पहले भी लोगों ने चिंता जाहिर की थी। आशंका जताई गई थी कि इस जगह पर मिट्टी है, जो कभी भी धंस सकती है। ग्रामीण भी इसे लेकर अपनी नाराजगी जता चुके थे। अधिकारियों के सामने भी ये चिंता जाहिर की गई थी, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। इससे पहले 20 जुलाई 2022 को भी सिग्नेचर ब्रिज गिर गया था। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी।

66 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन ब्रिज की कुल लंबाई 110 मीटर और ऊंचाई करीब 40 मीटर प्रस्तावित है। एनएचएआई की देखरेख में इस पुल का निर्माण किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि पुल के जिस हिस्से पर यह हादसा हुआ वहां कुछ समय पहले ही एलाइनमेंट बदला गया था। इस वर्ष मई माह तक पुल का निर्माण कार्य पूर्ण होना था। यदि कार्य पूर्ण हो गया होता और पुल चालू हो गया होता तो बड़ा हादसा हो सकता था। ऐसे में गुणवत्ता के साथ अनदेखी को लेकर कंपनी पर सवाल उठने लगे हैं।

चारधाम यात्रा के लिहाज से अहम था ब्रिज

110 मीटर की लंबाई वाले इस पुल की ऊंचाई तकरीबन 40 मीटर है। यह पुल ऑल वेदर सड़क परियोजना के तहत बनाया जा रहा है। नरकोटा में एनएच के बड़े हिस्से को रेलवे ने अधिकृत किया है। उत्तराखंड में यह पहला घुमावदार पुल बन रहा है। भारी-भरकम मशीनों से पुल को तैयार किया जा रहा है। चारधाम यात्रा के लिहाज से इस ब्रिज को काफी अहम माना जा रहा था। इस पुल के बनने से यात्रियों के समय की भी बचत होगी।