आजीविका का सबसे बेहतर साधन पिरूल

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रुद्रप्रयाग, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की अध्यक्षता में जिला सभागार में पिरूल (चीड़ की पत्तियों) एवं अन्य प्रकार के ईधनों से विद्युत उत्पादन के संबंध में बैठक ली। अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि, “जनपद में पिरूल प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है और पिरूल हमारी आजीविका का बेहतर साधन है।

जिलाधिकारी ने एनजीओ व वन सरपंच को पिरूल चीड़ की पत्तियों एवं अन्य प्रकार के ईधन उत्पादन के क्षेत्र कार्य करने के लिए कहा। कहा कि हमें इस क्षेत्र में कार्य करने की आवश्यकता है। “पिरूल का सही तरीके से उपयोग कर जनपद के बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्राप्त हो सकता है। पिरूल के प्लांट लगने से पांच सौ से अधिक लोगों को रोजगार मिल सकता है। “जिलाधिकारी ने उरेड़ा विभाग को एनजीओ व वन सरपंचों का पिथौरागढ़ में अवनि संस्था द्वारा स्थापित संयत्र के फील्ड विजिट कराने के निर्देश दिए।

बैठक में उप वन संरक्षक मंयक शेखर झा, खण्ड विकास अधिकारी गौरव कुमार, लीड बैंक अधिकारी एसएस तोमर, अधिशासी अभियंता उरेडा डीएस पटवाल, जिला महाप्रन्धक उद्योग पीएस सजवान, जिला समन्वयक हिमोत्थान रघुवीर सिंह नेगी, रघुवीर काण्डवाल सचिव ग्राम बुढना, ग्रामीण विकास संस्था अध्यक्ष शशि नौटियाल वन सरपंच रणजीत सिंह, लखपत सिंह, मोहन लाल, दशरथ सिंह, मातवर सिंह, गबर सिंह नेगी, माहेश्वरी देवी, अमरा देवी सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।