अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद हालात हर दिन खराब होते जा रहे हैं। एक रिपोर्ट में किए गए दावे के अनुसार 2 करोड़ से ज्यादा लोग इस देश में भुखमरी झेलने को मजबूर हैं।
द वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (डब्ल्यूएफपी) की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सूखे और खराब अर्थव्यवस्था की मार अफगानी परिवारों पर भारी पड़ी है। रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि यहां कम से कम 2 करोड़ 40 लाख लोग भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं।
अफगानिस्तान में इस डब्ल्यूएफपी के प्रवक्ता वहीदुल्लाह अमानी ने कहा कि डब्ल्यूएफपी इन सभी लोगों तक भोजन पहुंचाने की कोशिश कर रही है जिसका असर साल 2022 से नजर आने की उम्मीद है। प्रवक्ता ने कहा कि अफगानिस्तान में हालात बेहद खराब हैं। डब्ल्यूएफपी के अधिकारियों ने कहा कि उनका कार्यालय अफगानिस्तान के 24 मिलियन लोगों को मानवीय मदद पहुंचाने की कोशिश में है।
तालिबान और अफगान सरकार के बीच चले युद्ध के दौरान जो परिवार विस्थापित हुए उन्होंने भी इस बात की शिकायत दर्ज की है कि आधारभूत सुविधाएं भी अब पूरी नहीं हो पा रही हैं। यह लोग काबुल के एक कैंप में ठहरे हुए हैं।
छह बच्चों की मां गुल उजर टेंट में रहती हैं। उनका कहना है कि वह अपने बच्चों को भोजन उपलब्ध करा पाने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मेरे बच्चे घर-घर जाकर भोजन की तलाश करते हैं। अक्सर उन्हें कुछ नहीं मिलता। हम काफी मुश्किलों में रह रहे हैं, यहां हालात बेहद खराब हैं।
दूसरी तरफ तालिबान ने कहा है कि जो केयरटेकर सरकार उन्होंने बनाई है वो सहयोगी एजेंसियों के संपर्क में है और देश को मानवीय संकट से उबारने के लिए योजना बना रही है। अफगानी सरकार के उप-प्रवक्ता अहमदुल्लाह वसीक ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और डब्ल्यूएफपी के साथ मिलकर हम अफगानिस्तान की खराब आर्थिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए योजना तैयार कर रहे हैं।