कांवड़ मेले का दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण सोमवार निपटने के बाद आज अपने गृह जनपदों मै जलाभिषेक के लिए कांवड़ियों का कारंवा लौटना शुरू हो गया। तीर्थनगरी ऋषिकेश से लाखों कावंडिये अपने गंतव्यों की ओर बढ़ते जा रहे हैं।
मंगलवार को पूरा दिन शहर के बाहर जाने वाली हर सड़क पर कांवड़ियों का राज रहा। हर कहीं बाबा भोले की जय-जयकार व घुंघुरुओं की झनकार ही सुनाई दे रही थी। मंगलवार की तड़के से शिवधाम नीलकंठ महादेव मन्दिर में जलाभिषेक कर कावंडिये वापसी की राह पकड़ चुके थे। आज पूरा दिन इनके आने और जाने का सिलसिला बरकरार रहा। वापसी का क्रम इतना तेज चल रहा है कि यहां के धर्मशालाओं-होटलों और आश्रमों में ठहरे अधिकांश कावंड़िये वापस हो चुके थे, उनकी जगह बाहर से आए नए कांवडि़यों ने ले ली थी। धीरे-धीरे धर्मनगरी का माहौल भोलेमय हो गया है। सावन जलाभिषेक वाले दिन तक ऐसा रहने की उम्मीद। कांवड़ मेला अब अपने चरम की ओर अग्रसर है। कावंडियों की वापस होने की रफ्तार आज शबाब पर नजर आई। खासतौर पर दुपहिया वाहनों के शहर के भीतर से वापसी को लेकर आज दिनभर गाड़ियों के शौर ने मुख्य मार्गो पर रहने वाले लोगों की मुश्किलें बड़ाए रखा। इन सबके बीच सावन का सबसे अहम माने जाने वाला दूसरा सोमवार निर्विघ्न रुप से निपटने पर प्रशासन ने जहां राहत की सांस लिए वहीं दूसरी ओर लाखों कांवरिया आज रेलवे एवं सड़क मार्ग से भी अपने गृह नगरों की ओर प्रस्थान कर गए। ऋषिकेश से जाने वाली तमाम ट्रेनें आज जहां कावड़ियों से पूरी तरह से फुल पैक नजर आई, वहीं आईएसबीटी पर बसों में सवार होने को लेकर भी शिव भक्तों में जबरदस्त मारामारी देखने को मिली। शिवभक्तों की भीड़ का आलम यह रहा कि ऋषिकेश डिपो की हरिद्वार को जाने वाली अधिकांश बसों पर शिवभक्त कांवड़ियो ने बसों की छतों पर लदकर सफर किया।