देहरादून। ‘बुलंद उत्तराखंड’ और ‘बेमिसाल गढ़वाल’ के तहत युवाओं को नई दिशा देने का प्रयास किया जा रहा है। बुलंद उत्तराखंड के तहत बेमिसाल गढ़वाल अभियान एक ऐसी शुरूआत है, जिससे न केवल युवाओं को स्वरोजगार से जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है। वहीं, एक ऐसे सशक्त राज्य की परिकल्पना की नींव भी रखी जा रही है, जो देश के लिये बहुआयामी प्रतिभाओं का निर्माण करें। इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष और भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शौर्य डोभाल ने ये जानकारी पत्रकारों से मुखातिब होते हुये सोमवार को प्रेस वार्ता में दी।
उन्होंने बताया कि, बुलंद उत्तराखंड एक ऐसा अभियान है, जो राज्य के सम्मान, पर्यटन की संभावनायें और क्षेत्र के विकास के लिये प्रतिबद्ध है। उनका दावा है कि यह अभियान उत्तराखंड के लोगों के लिये काफी फायदेमंद होगा। शौर्य ने बताया कि मिशन के तहत बेमिसाल गढ़वाल का अभियान बुलंद उत्तराखंड योजना के अंतर्गत चलेगा। बेमिसाल गढ़वाल अभियान का मुख्य उद्देश्य पूरे राज्य के व्यापक विकास, मसलन कृषि, स्वास्थ्य, पर्यटन, मशरूम फार्मिंग, सांस्कृतिक विरासत, संस्कृति, शिक्षा, रोजगार के अवसर, बाल सुधार आदि के क्षेत्र में विकास करना है। डोभाल ने बताया वो अपने राज्य के विकास के लिये प्रतिबद्ध है।
शौर्य ने कहा, हम चाहते हैं कि इस अभियान के साथ आम लोग, समर्थक और शुभचिंतक भी जुड़ें। जिससे हम एक मजबूत राज्य के साथ सशक्त देश और समाज का निर्माण कर सके। इस अभियान के जरिये हम लोगों में आत्मविश्वास और साकारात्मकता भरना चाहते हैं। इस अभियान के तहत युवाओं की कैरियर काउंसिलिंग, गांव गांव में मोबाइल क्लीनिक, महिलाओं को स्किल डवलपमेंट के प्रोग्राम से जोडऩा और उनके लिये स्वरोजगार के अवसर पैदा करना। उनके इस अभियान के साथ किसान और दुग्ध उत्पादन करने वाले भी जुड़े हैं। इसी तरह मोबाइल क्लीनिक पोखरी, कल्जिखाल, जखोली, दसोली, पौड़ी, अगस्तमुनी ब्लॉक में मोबाइल क्लीनिक आम लोगों को काफी फायदा पहुंचा रहे हैं। ये मोबाइल क्लीनिक मेट्रो हॉस्पिटल के डा पुरुषोत्तम लाल के तकनीकी और मेडिकल सहयोग से संचालित हो रहा है।
धर्मा लाइफ के सीईओ गौरव मेहता ने कहा कि बुलंद उत्तराखंड के साथ धर्मा लाइफ कई तरह से सहयोग कर रहा है। गांव के समाजिक विकास को ग्रामीण उद्यमिता के जरिये सृदढ़ करने का प्रयास हो गांव की साफ सफाई, स्वास्थ्य, शिक्षा, स्किल डवलपमेंट आदि में सहयोग हो या पौष्टक आहार सुनिश्चित करना हो। गांव में शिक्षा, डिजिटल ज्ञान और स्वास्थ्य पर विशेष तौर पर काम किया जा रहा है। वहीं, महिलाओं को स्वरोजगार या उद्यमिता से जोडऩे के विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। जिससे उत्तराखंड के गांव मजबूत हों। इस अभियान के साथ विभिन्न संस्थायें भी जुड़ी हैं।