ऋषिकेश, गंगा सभा के आरती स्थल की स्वच्छता को लेकर आगे आये गंगा भक्त।कार सेवा कर गंगा सभा के कर्मचारियों के साथ घाट पर नव निर्मित टीन शैड से गंगा के उफान के बाद भरी रेत को हटाने मे किया सहयोग।
पहाड़ों में बादल फटने के बाद उफान पर आई गंगा का जलस्तर आज कम हो गया है। लेकिन गंगा अपने रोद्र रुप के निशान जरुर घाट पर भारी रेत के रूप मे छोड़ गई।इसे हटाने के लिए दिनभर गंगा सभा के सदस्य व कर्मचारी जुटे रहे।इस कार्य मे शहर के गंगा प्रेमियों ने भी सहयोग का हाथ बड़ाते हुए कार सेवा की।उत्तराखंड के पहाड़ी अंचलों में बीती रात बारिश का दौर थमने का असर यहां भी महसूस किया गया। बुधवार को सुबह से ही तीर्थ नगरी ऋषिकेश गंगा का जलस्तर घटना शुरू हो गया था जोकि दिनभर लगातार घटता रहा। हालांकि, चौकस प्रशासन किसी भी तरह के खतरे को देखते हुए अभी भी एतिहात बरते हुए है।
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश में गंगा आज खतरे के निशान से काफी नीचे आ गई ।उत्तराखंड के विभिन्न पर्वतीय क्षेत्रों में पिछले 24 घंटों से बारिश ना होने की वजह से गंगा का जलस्तर तेजी से कम हुआ है। उल्लेखनीय है कि कल अलकनंदा का जल छोड़े जाने के बाद अचानक से तीर्थनगरी की हृदय स्थली कहे जाने वाले त्रिवेणी घाट में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के बेहद नजदीक आ गया था। गंगा के रौद्र रूप को देखते हुए तटीय इलाकों में रहने वाले लोग भी खोफजदा हो गये थे।गंगा का जल स्तर घटने के बाद त्रिवेणी घाट स्थित नव निर्मित टीन शैड के जल मग्न होने के बाद एकत्र हुई रेत को हटाने के लिए आज दिनभर यहां स्वच्छता अभियान चलाया गया।
गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा का कहना था कि मंगलवार को बड़े गंगा के जल स्तर के साथ बड़ी मात्रा में घाटों पर बालू आ गई थी जिसे हटाने के लिए स्थानीय संस्थाओं ने गंगा सेवा समिति का काफी सहयोग किया जिसके लिए सभी संस्थाओं को धन्यवाद अर्पित करते हैं