उत्तराखंड के चर्चित छात्रवृत्ति घोटालें में कॉलेज संचालकों की धांधली की परते खुलती जा रही हैं। एसआईटी ने एक बार फिर हरिद्वार, हरियाणा व सहारनपुर सहित पांच कॉलेजों के खिलाफ रविवार को धोखाधड़ी और गबन का मुकदमा दर्ज किया है।
हाईकोर्ट के आदेशों के बाद एसआईटी प्रमुख मंजूनाथ टीसी के निर्देशन पर एसआईटी की टीम छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही है। कॉलेज संचालकों के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटा रही है। कॉलेज संचालकों के गड़बड़झाले को उजागर कर रही है। जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर रही है। इसी क्रम में हरिद्वार, सहारनपुर और हरियाणा के पांच कॉलेज एसआईटी की जांच में संदिग्ध पाए गए। इन सभी कॉलेज संचालकों ने छात्रवृत्ति की राशि के गबन करने की पुष्टि हुई। जिसके बाद सिडकुल और ज्वालापुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया।
एसआईटी ने गणपति ग्रुप आफ इंस्टीटयूशन विलासपुर, चरौली रोड़, जगाधरी, यमुनानगर हरियाणा ने 71 लाख 83 हजार 500 की धनराशि का गबन किया। ओइम संतोष प्राइवेट आईटीआई, सहारनपुर निवासी डैडपुरा, रामपुर मनिहारन नकुड़ सहारनपुर यूपी, ने 50 लाख 2 हजार नौ सौ की धनराशि का गबन किया।
स्टेलियन कॉलेज आफ इंजीनियरिंग एंड टैक्नालाजी सहारनपुर यूपी, 27 लाख 66 हजार 400 की धनराशि का गबन किया। कमलेश पैरामेडिकल प्राइवेट आईटीआई, कमलेशपुर छुटमलपुर, ने 19 लाख 98 हजार की धनराशि का गबन किया।
उत्तराचंल इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टेक्नालाजी, 268 विवेक विहार रानीपुर मोड़ हरिद्वार ने 15 लाख 41 हजार की धनराशि का गबन कर सरकार की आंखों में धूल झोंकी। पांचों कालेजों के संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद अन्य संचालकों में भी खलबली मची हुई है।