रुद्रपुर, एनएच 74 मुआवजा घोटाले में तत्कालीन मंडलायुक्त डी सेंथिल पांडियन ने पीसीएस अफसर तीरथपाल के निलंबन के लिए अनुपूरक रिपोर्ट शासन को भेजी थी, लेकिन कार्मिक विभाग में निलंबन की पत्रावली तकरीबन आठ महीने तक दबाए रखी। अंतत: मामले में तीरथ पाल की संलिप्तता पाए जाने पर उन्हें निलंबित किया गया। अब एसआईटी तीरथपाल की भूमिका की जांच करेगी। एसआईटी के रडार पर निलंबित पीसीएस अफसर सुरेंद्र सिंह जंगपांगी व जगदीश लाल भी हैं। इसके अलावा एसआईटी सेवानिवृत हो चुके पीसीएस अफसर एचएस मर्तोलिया की भूमिका की भी जांच करेगी।
यहां बता दें कि जब मंडलायुक्त ने एनएच घोटाले की जांच की तो शुरूवाती जांच रिपोर्ट में सात पीसीएस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई थी, जिसमें सुरेंद्र सिंह जंगपांगी, जगदीश लाल, भगत सिंह फोनिया, एनएस नगन्याल, दिनेश प्रताप सिंह, अनिल शुक्ला व सेवानिवृत हिमालय सिंह मर्तोलिया शामिल थे। मुख्यमंत्री ने छह पीसीएस अफसरों को निलंबित किया था तथा रिटायर मर्तोलिया के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए थे। आयुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटी ने घोटाले की विस्तृत जांच में बाजपुर में एसडीएम पद पर तैनात रहे तीरथपाल की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे तथा अनुपूरक जांच रिपोर्ट में तीरथपाल के निलंबन की संस्तुति की थी। सूत्रों की मानें तो तीरथ पाल के निलंबन की पत्रावली तैयार भी हुई थी, लेकिन पत्रावली दब कर रह गई। इस बीच तीरथपाल को प्रोन्नति देकर उन्हें अपर जिलाधिकारी बना दिया गया। तीरथ पाल पहले कांग्रेस और फिर भाजपा सरकार में शामिल एक मंत्री के काफी करीबी माने जाते हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने बाजपुर तहसील के ग्राम मंडैया, टांडा आजम, कनौरी व मुंडिया में जमीनों की प्रकृति बदली। अंतत: एडीएम को निलंबित कर दिया गया। एसआईटी तीरथपाल से पहले भी दो बार पूछताछ कर चुकी है। हालांकि एसआईटी जांच में अभी तक तीरथपाल की घोटाले में भूमिका सामने नहीं आ पाई थी। घपले के साक्ष्य मिलने पर तीरथपाल को आरोपपत्र भी सौंपा जाएगा। उधर, शासन ने एसआईटी को एनएच घोटाले में शामिल निलंबित पीसीएस अफसर डीपी सिंह व भगत सिंह फोनिया के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी दे दी है। अब एसआईटी शीघ्र ही दोनों आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल कर सकती है।
एसआईटी ने अभी तक तीन निलंबित पीसीएस अफसर डीपी सिंह, भगत सिंह फोनिया व अनिल शुक्ला को गिरफ्तार किया है। निलंबित पीसीएस अफसर एनएस नगन्याल की गिरफ्तारी के लिए गैरजमानती वारंट जारी हो चुके हैं। एसआईटी को अभी एसएस जंगपांगी, जगदीश लाल, एचएस मर्तोलिया की भूमिका की जांच करनी है। इसी के साथ एसआईटी अब तीरथ पाल पर भी कानून का शिकंजा कस सकती है।