असली नकली की लड़ाई

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उत्तराखण्ड की सितारगंज विधानसभा में पूर्व कांग्रेस कमेटी सदस्य श्याम विश्वास की कांग्रेस प्रत्याशी पत्नी मालती विश्वास और उनकी ‘असली पत्नी’ बिन्दा विश्वास जो निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव में उतरी हैं।इन दोनों के बीच असली और नकली का कड़ा मुकाबला चल रहा है। उधम सिंह नगर जिले की सितारगंज सीट में अबतक सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और बागी विजय बहुगुणा विधायक थे, जिन्होंने भा.ज.पा. में जाकर अपने पुत्र सौरभ बहुगुणा को भा.ज.पा.प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा है। इसी सीट में बंगाली समुदाय के लोगों का 30 प्रतिशत का अच्छा खासा प्रभाव है जिसे देखते हुए कांग्रेस ने बंगाली मूल की मालती विश्वास को प्रत्याशी घोषित किया है।
निर्दलीय प्रत्याशी 52 वर्षीय बिन्दा और 56 वर्षीय कांग्रेस प्रत्याशी मालती ने एस.डी.एम.को दिए अपने शपथपत्र में व्यवसायी श्याम विशवास को अपना पति बताते हुए शक्ति फार्म के टैगोर कॉलोनी को अपना घर का पता बताया है। यहाँ बिन्दा ने अपनी संपत्ति 48,690 रूपये बताई है तो मालती ने 71 लाख रूपये बताई है । श्याम ने मालती को अपनी क़ानूनी पत्नी बताया है जबकि उनके बिन्दा अपने को उनकी पत्नी होने की अफवाह फैला रही है।बिन्दा ने बताया कि वो निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव इसलिए लड़ रही है कि इस चुनाव से वो न्याय और अपने खोए वजूद को वापस ला सके । उन्हें विशवास है कि वो चुनाव में जरूर जीत दर्ज करेंगी ।बिन्दा ने बताया कि उनका विवाह सन 1976 में श्याम से कोलकत्ता में हुआ था, जिसके बाद वो वृन्दावन जाकर वहीँ बस गए थे। इसके बाद वो उत्तराखण्ड के सितारगंज आ गए और यहाँ बिन्दा के मायके वालों की मदद से बीड़ी बनाने की फैक्ट्री लगाकर व्यवसाय शुरू किया और श्याम का भाग्य बदल गया ।
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बिन्दा ने बताया कि एक बार जब वह कोलकत्ता स्थित अपने मायके गई थी तो श्याम मालती को लेकर आए थे और उसके बाद से ही वो उसके के साथ रह रहे हैं। उन्होंने बताया की श्याम ने बिन्दा को घर से निकाल दिया और तभी से वो अपनी विवाहित बेटी के साथ रहती हैं और बीड़ी बनाकर आजीविका कमाती हैं। बिन्दा का दावा है कि श्याम से उनकी तीन बेटियां हैं जबकि मालती से दो बेटे हैं। मालती और उनके पति श्याम विशवास ने कोई भी जवाब नहीं दिया है । बिन्दा ने इन आरोपों के साथ जनता से इस असली नकली की लड़ाई में साथ देने की बात कही है ।