मुख्यमंत्री ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि इज आॅफ र्डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में हम पहले से नौ नम्बर के बीच आए। उन्होंने कहा कि हमारी पाॅलिसी में स्थायित्व जैसा दिखाई देता है, वह इन्वेस्टर को भी एक विश्वास दिलाने के साथ-साथ राज्य के विकास में हमारे कांफिडेंस लेवल को उपर उठाने का काम करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी भौगौलिक परिस्थितियां अनुकूल नही है, अगर हमें भौगौलिक परिस्थियों को पराजित करना है, तो इसके लिए बहुत जरूरी है कि हम अपने मैन पाॅवर को उबारे व अपने मैन पावर में वो गुणवत्ता व खासियत लाए, ताकि जो लोकेशनल डिस्एडवान्टेज है, उसके उपर विजय पा सकें। राज्य के पास मैनुफैक्चर वस्तुओं के लिए मार्केट व रा मेटिरियल नही है, हम इन कमियों को तभी दूर कर सकते है, जब हम अपने मैन पावर को तराशे और उसके जरिए अपने प्रोडक्ट को क्वालिटी प्रोडक्ट के रूप में बदलें, ताकि हमको हमारी मेहनत के अनुरूप लाभ मिल सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि रा मेटिरियल के आधार पर हम अपने उद्योग स्थापित करें। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने स्थानीय उत्पादो का उपयोग करें, तो हमें उसका अधिक लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उद्योग निदेशालय में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग की विभिन्न योजनाओ का शुभारम्भ किया। उन्होंने इस अवसर पर रिंगाल व काॅपर प्रोडक्सट् की कैटालाॅग, ईज आॅफ र्डूइंग बिजनेस की पुस्तिका एवं यू.एच.एच.डी.सी. वैबसाईट भी लांच की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने उत्तराखण्ड की पहली सात महिला उद्यमियों को पुरस्कृत कर प्रमाण पत्र भी प्रदान किए। उन्होंने ईज आॅफ डूईंग बिजनेस और सिंगल विंडो टीम को भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, निदेशक उद्योग आर.राजेश कुमार, उद्योग संघ के प्रतिनिधि अरूण नैथानी, अपर निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल, अध्यक्ष, इंडस्ट्रीज एसोसिएशन आॅफ उत्तराखण्ड पंकज गुप्ता, प्रांतीय अध्यक्ष उद्योग विभाग राज्य कर्मचारी संगठन माधो सिंह, उप निदेशक उद्योग अनुपम द्विवेदी आदि उपस्थित थे।