गोपेश्वर, बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 10 मई को खुलेंगे पर धाम में अभी भी करीब पांच से नौ फुट बर्फ जमीं होने से यहां आवाजाही भी शुरु नहीं हो पाई है और सड़क पर जमी बर्फ प्रशासन और बीआरओ के लिये चुनौती बना हुआ है।हांलाकि जिला प्रशासन ने धाम के कपाट खुलने तक सभी व्यवस्थाएं चाक- चौबंद कर लेने की बात कही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बदरीनाथ धाम में शीतकाल में हुई भारी बर्फवारी से यहां करीब 12 अस्थाई दुकानें क्षतिग्रस्त पडी हैं। इसके साथ ही यहां बामणी व माणा गांवो में भी ग्रामीणों के भवनों पर खासा नुकसान हुआ है। धाम में अभी भी करीब नौ फुट बर्फ जमीं होने से धाम में हुई क्षति का पूरा अंदाजा नहीं लग पा रहा है। वहीं रडांग बैंड से आगे बदरीनाथ धाम तक पांच फुट बर्फ जमी होने से यहां आवाजाही भी शुरु नहीं हो पाई है।सड़क पर जमी बर्फ प्रशासन और बीआरओ के लिये चुनौती बना हुआ है।
भारी बर्फवारी से अभी तक यहां मंदिर सभामंडप सहित आवासीय भवन और दुकानें बर्फ में दबी हुई हैं। बर्फ में दबी दुकानों और आवासीय भवनों में भी क्षति का अभी आंकलन नहीं किया जा सका है। ऐसे में दुकानों के क्षतितग्रस्त होने से कपाट खुलने के मौके पर यहां आवासीय और भोजन व्यवस्था को लेकर तीर्थयात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं बदरीनाथ यात्रा मार्ग पर राडांग बैंड से बदरीनाथ धाम तक 10 किमी हाईवे पांच फुट बर्फ में दबा है। यहां कुछ स्थानों पर करीब 50 फुट ऊंचे ग्लेशियर हाईवे पर अटे हुए हैं। हालांकि बीआरओ की ओर से यहां हाईवे से बर्फ हटाने का कार्य शुरु कर दिया गया है। लेकिन यहां बार-बार मौसम में हो रहे बदलाव से कार्य बाधित हो रहा है। जिसे बदरीनाथ धाम की यात्रा निर्धारित समय पर शुरु करवाना प्रशासन और बीआरओ के लिये चुनौती बना हुआ है।
जिलाधिकारी स्वाती एस भदौरिया ने कहा कि, “बदरीनाथ हाईवे से बर्फ हटाने का कार्य बीआरओ की ओर से किया जा रहा है। अन्य व्यवस्थाओं के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। लोकसभा चुनाव मतदान के बाद सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करवा लिया जाएगा। धाम के कपाट खुलने तक सभी व्यवस्थाएं चाक- चौबंद कर लिया जायेगा।”