टिहरी की मनीषा के लिए एक वरदान बनकर आई ”सोच संस्था”

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    बहुत पुरानी कहावत है कि हम किसी को कुछ ना दे सकते ना ले सकते,लेकिन किसी की मदद जरुर कर सकते हैं।बस इसी सोच के साथ टिहरी जिले के कलेथ गाँव में रहने वाले एक परिवार के बारे में जब ‘सोच’ संस्था को पता चला तो उन्होंने इस परिवार की मदद करने की ठान ली। परिवार के मुखिया दिगंबर सिंह बहुत गरीब होने के साथ -साथ गूंगे और बहरे हैं, और उनकी बेटी “मनीषा” भी गूंगी और बहरी है। इस पूरे परिवार में दिगंबर सिंह की पत्नी और बाकी दो बेटियां भी गूंगे और बहरे हैं ।

    मनीषा और उनके पिता
    मनीषा और उनके पिता

    मनीषा जो परिवार की सबसे बड़ी बेटी है उसकी शादी 19 नवंबर  को हुई जिसके लिए इस परिवार को कुछ आर्थिक सहायता चाहिए थी । सोच संस्था को जब इसके बारे में पता चला तो इस पुण्य काम में सोच संस्था ने उस असहाय परिवार की थोड़ी सी आर्थिक मदद देने के लिए छोटी सी मुहीम चलाई जिसमे बहुत से लोगों ने सहयोग किया और यह मुहीम सफल हुई।सोच  संस्था ने ना केवल अलग-अलग जगहों और लोगों से मदद ली बल्कि सोच संस्था की तरफ से ये छोटी सी आर्थिक मदद लड़की के पिता को दी गई।इस पहल के लिए बहुत से लोगों ने अपनी स्वेच्छा के अनुसार मनीषा की शादी के लिए अपनी समर्थ के अनुसार भेंट किया।

    सोच संस्था की खुशियों को जोड़ने की कोशिश रंग लायी और 19 नवंबर को मनीषा की शादी सभी पहाड़ी रीती -रिवाज़ो से संपन्न हुई। सोच संस्था सभी दान करने वालों का आभारी रहेगा और दिल से धन्यवाद करता है। आपको बतादें कि मनीषा के परिवार को कुल मिलाकर Rs.23152 सोच संस्था की तरफ से दिए गए जिसमे से 18,452 रुपये का चेक और बाकी रुपये 4700 मनीषा के खाते में सीधे दानदाताओ द्वारा भेजे गए |

    सोच की इस पहल को टीम न्यूजपोस्ट का सलाम और आशा करते है कि आगे जब भी कोई जरुरतमंद होगा सोच और जो लोग भी अपनी स्वेच्छा से दान करना चाहते हैं वह दिल खोल कर दूसरे की मदद करेंगे।