बढ़ती आपराधिक घटनाओं के विरोध में विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भरी हुंकार

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देहरादून। नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (एनएपीएसआर) के साथ मिलकर देहरादून के प्रतिष्ठित सामाजिक संगठनों व जागरूक नागरिकों और अभिभावकों ने देश और राज्य मे बढ़ती हुई आपराधिक घटनाओं पर अपना रोष व्यक्त किया। संगठनों ने विरोध दर्ज करते हुए गांधी पार्क पर सांकेतिक धरना भी दिया। इस मौके पर सरकार व प्रशासन से ऐसे मामलों को गंभीरता लेते हुए कड़ी कार्रवाई की भी मांग की।
सोमवार को गांधी पार्क के गेट पर धरना देते हुए संगठनों ने निर्णय लिया कि इन सभी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सभी संगठन सामूहिक ज्ञापन उत्तराखंड के माननीय राज्यपाल को प्रेषित करेंगे। ज्ञापन के जरिए इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार को दिशा निर्देश देने की मांग की जाएगी। यदि राज्य सरकार जल्द ही इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कोई कदम नही उठाती है तो मजबूरन सभी समाजिक, गैर राजनीतिक, छात्र, महिला, ट्रेड व अभिभावक संगठन संयुक्त रूप से सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन करेंगे। इसके लिए सभी सामाजिक संगठनों ने 25 दिसम्बर के बाद एक बड़ी बैठक की योजना बनाई है। जिसकी सूचना सभी संगठनों, बुद्धिजीवी नागरिकों व जागरूक अभिभावकों को 25 दिसम्बर तक दे दी जाएगी।
सोमवार को सांकेतिक धरने में आगरा व पौड़ी मे कुंठित मानसिकता वाले सरफिरे पुरुषों द्वारा छात्राओं पर पेट्रोल डालकर आग लगाने की घटना मे मारी गई छात्राओं को देहरादून स्थित गांधी पार्क मे भावपूर्ण श्रद्धांजलि भी दी गई। इस मौके पर केन्द्र व राज्य सरकार से दोषियों को बिना देर किए फांसी देने की मांग भी की। साथ ही शीघ्र अति शीघ्र महिला कानून को सख्ती से लागू करने की मांग की। नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के लिए निजी व सरकारी स्कूलों में कड़ी सुरक्षा की मांग की। ताकि भविष्य मे इस प्रकार की घटनाओं की पुर्नावृत्ति न हो। दो बच्चियां कुंठित मानसिकता वाले पुरुषों की शिकार हुई और दोनो को पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई। दोनों ही बच्चियां आखिर जिन्दगी की जंग हार गई। ऐसे में सरकारों को ऐसे मामलों में कड़ा रुख अपनाना होगा। ऐसा न होने पर आंदोलन एक मात्र माध्यम होगा सरकारों को नींद से जगाने का। धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से जगतबन्धु सेवा ट्रस्ट, उत्तराखंड महिला मंच, जन सवांद, पियुपल फोरम, संयुक्त नागरिक संगठन, स्वत्रंता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी संघटन, प्राउड पहाड़ी, एसएफआई, स्वराज अभियान, एफएफ ऑर्गनाइजेशन उत्तराखंड, नारी शक्ति उत्तराखंड, परिवर्तनकर्मी कर्मी छात्र संगठन, नन्दा फाउंडेशन, आरटीआई लोक सेवा, राज्य आंदोलन कारी मंच सहित जगदीश कुकरेती, जयकृत कंडवाल, शीला रावत, शकुंतला गुंसाई, सुशील त्यागी, जयंत, मोहन, अम्बुज शर्मा, जितेंद्र डंडोना, कमला पंत, नवीन लिंगवाल, मंजू जैन, सुलोचना भट्ट, हेमलता नेगी, अलका शर्मा आ​दि समाजसेवी व अभिभावक मौजूद रहे।