पौडी व पिथौरागढ के समाज कल्याण अधिकारी को चेतावनी

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बार-बार कहने के बावजूद समाज कल्याण विभाग की पेंशन योजनाओं को आधार से जोड़ने में ढिलाई बरतने पर पौड़ी और पिथौरागढ़ के जिला समाज कल्याण अधिकारियों को चेतावनी दी गई है। इसके अलावा स्कॉलरशिप देने से पहले सभी स्टूडेंट्स की सूची को सार्वजनिक करने के निर्देश भी सभी समाज कल्याण अधिकारियों को दिए गए हैं।

समाज कल्याण निदेशालय, हल्द्वानी में सभी जिलों के विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक में निदेशक वीएस धानिक ने योजनाओं की विस्तार से जानकारी ली। इस दौरान बताया गया कि प्रदेशभर में 82 फीसद पेंशनर्स को आधार से जोड़ा जा सका है, लेकिन पौड़ी और पिथौरागढ़ के जिलों की प्रगति बेहद कम हैं। वृद्धावस्था, विधवा और विकलांग पेंशन में 74 फीसद से कम आधार सीडिंग करने पर पौड़ी के समाज कल्याण अधिकारी रतन सिंह रावल और पिथौरागढ़ के समाज कल्याण अधिकारी बीबी सिंह को चेतावनी दी गई है। देहरादून के समाज कल्याण अधिकारियों को आधार सीडिंग में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। हालांकि निदेशक ने बताया कि देहरादून में जून में शिविर लगाकर लाभार्थियों से आधार नंबर लेने की प्रक्रिया पूरी कराई जानी है। वर्ष 2016-17 की स्कॉलरशिप देने की प्रक्रिया चल रही है।

छात्रवृत्ति के लिए मिले सभी आवेदन का डीएम व समाज कल्याण अधिकारी स्तर पर सत्यापन भी हो चुका है। समाचार पत्रों के जरिये सभी समाज कल्याण अधिकारियों को यह सूचना सार्वजनिक करनी होगी कि लोग किस तरह वेबसाइट पर स्कॉलरशिप की लिस्ट देख सकते हैं। इसके अलावा निदेशक ने यह भी निर्देशित किया कि सभी समाज कल्याण अधिकारी अपने जिले में 60 वर्ष से ऊपर वृद्धावस्था पेंशन पा रहीं उन सभी महिलाओं को विधवा पेंशन से जोड़ें, जिनके पति की मृत्यु हो चुकी है। इससे केंद्र से मिलनी वाली मदद बढ़ेगी तो राज्य सरकार पर धन खर्च का दबाव भी कम होगा।

समीक्षा बैठक के दौरान यह मामला सामने आया कि किशोर न्याय अधिनियम के तहत अगर कोई एनजीओ कहीं भी चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट संचालित करता है तो उसे रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है, ताकि उस पर निगरानी की जा सके। निदेशक वीएस धानिक ने बताया कि अब तक 17 स्वयंसेवी संगठन पंजीयन करा चुके हैं। पांच सेंटर राज्य सरकार के हैं।