सूर्य ग्रहण : रविवार के दिन ग्रहण पड़ने से बढ़ा महत्व, जानिये क्या करें, क्या न करें?

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सूर्यग्रहण
  • भारत सहित विश्व के लिए बहुत सावधानी का संदेश देगा सूर्यग्रहण
2020 का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून, रविवार को लगेगा। यह खग्रास सूर्यग्रहण होगा, जो पूरे विश्व सहित भारतवर्ष को राजनीतिक एवं कूटनीतिक मोर्चे पर विशेष संयमित एवं सावधान रहने का संदेश देगा। ग्रहण का प्रभाव आम जनमानस पर गहरा पड़ेगा।
राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज आईडीपीएल के संस्कृत प्रवक्ता आचार्य डा. चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने बताया कि यह सूर्य ग्रहण भारतवर्ष में पूर्ण रूप से दृष्टिगोचर होगा। भारतीय समयानुसार ग्रहण सुबह 10:24 पर शुरू होगा, जिसका मोक्ष दोपहर 1:48 पर होगा। ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटा 24 मिनट होगी। पृथ्वी लोक पर सूतक 20 जून की रात्रि 10:24 से प्रारंभ हो गया।
प्रथम गवर्नर अवार्ड से सम्मानित आचार्य घिल्डियाल ने बताया कि ग्रहण काल में भोजन शयन आदि क्रियाओं का निषेध है। रविवार को ग्रहण होने से यह चूड़ामणि नामक अति महत्वपूर्ण ग्रहण होगा, जिसमें यंत्र एवं मंत्र साधना से मानव जीवन की समस्त समस्याओं का निराकरण हो सकेगा। ग्रहण काल में जप, तप, दान करने से ग्रह पीड़ा से मुक्ति मिलेगी। ज्योतिष में अंतरराष्ट्रीय हस्ताक्षर डॉक्टर चंडी प्रसाद ने बताया कि रविवार के दिन ग्रहण होने से मंत्रों की ध्वनि को यंत्रों में परिवर्तित कर पूर्ण वैज्ञानिक पद्धति से जनमानस की समस्याओं का निराकरण किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि 26 दिसंबर, 2019 को भी खग्रास सूर्य ग्रहण पड़ा था और उन्होंने उस समय भविष्यवाणी की थी कि धनु राशि पर घटित इस ग्रहण काल में जो 6 ग्रह योग पड़ रहा है उससे पूरी दुनिया सहित भारतवर्ष को भी भयंकर महामारी और दुर्घटनाओं से जूझना पड़ेगा। कोरोनावायरस के रूप में फैली आपदा से यह भविष्यवाणी सत्य साबित हुई।
इस बार यह ग्रहण आषाढ़ मास मिथुन राशि एवं मृगशिरा नक्षत्र पर घटित हो रहा है, साथ ही बृहस्पति, शनि, शुक्र वक्री चाल से नक्षत्र मंडल में भ्रमण कर रहे हैं। इससे कहीं अतिवृष्टि तो कहीं वर्षा की कमी तथा अनाज उत्पादन प्रभावित होगा। विशेष रोगों का प्रकोप बढ़ने से जन धन हानि का योग है। सत्ता पक्ष में विरोध, तनाव, सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी से सरकार परेशान होगी। नेतृत्व परिवर्तन तथा स्त्री वर्ग को विशेष कष्ट होगा। जिन लोगों की कुंडली में मारकेश योग चल रहा है, वह विशेष सावधानी बरतें। उत्तराखंड ज्योतिष रत्न डॉक्टर घिल्डियाल ने बताया कि राजनेताओं के लिए भी यह ग्रहण कष्टकारी रहेगा। उन्हें भी बहुत सावधानी पूर्वक निर्णय लेने होंगे और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। सरकार को चाहिए कि पूरे एक वर्ष तक लोगों के सामूहिक रूप से एकत्रित होने पर सख्ती से रोक लगाई जाए अन्यथा महामारी को रोकना बहुत मुश्किल होगा।
किस राशि पर ग्रहण का क्या होगा फल
मेषः  उत्साह कार्यों में सफलता नवीन जिम्मेदारियां मिलेंगी।
वृषः  पारिवारिक कलह, तनाव, व्यर्थ खर्चे, धन प्राप्ति में बाधा।
मिथुनः  स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव।
कर्कः प्रवास, विदेश गमन, व्यस्तता, परिश्रम और संतान से मतभेद।
सिंहः  धन लाभ, यश प्राप्ति, राज्य लाभ।
कन्याः प्रभाव वृद्धि, आकस्मिक धन लाभ।
तुलाः कार्यों में बाधा।
वृश्चिकः शारीरिक कष्ट, दुर्घटना, रोग से कष्ट।
धनुः अचानक दुर्घटना, शारीरिक कष्ट।
मकरः शत्रु दमन, यश, धन लाभ।
कुंभः भ्रम की स्थिति, पारिवारिक चिंता।
मीनः शारीरिक कष्ट, कार्यों में विलंब और धोखा।
सूतक काल में गंगोत्री धाम में मां गंगा मंदिर समेत अन्य मंदिर के कपाट बंद रहेंगे
रविवार को सूर्य ग्रहण के रहते सूतक काल मे गंगोत्री धाम में मां गंगा के मंदिर समेत अन्य सभी मंदिर बंद रहेंगे। श्री 5 मंदिर गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव दीपक सेमवाल ने बताया कि सूतक काल यानी सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पूर्व आज रात्रि 10 बजकर 24 मिनट से रविवार सुबह 10 बजकर 24 मिनट में 12 घंटे पूर्ण होते हैं। लिहाजा आज रात्रि से मंदिर के कपाट बंद होने के बाद रविवार दोपहर 1 बजकर 48 मिनट में ग्रहण समाप्त होगा। ग्रहण समाप्त होने के बाद मूर्तियों के स्नान व उसके बाद पूजा पाठ के बाद मंदिर के कपाट खोल दिये जायेंगे।